संभल हिंसा पर HC ने खारिज की याच‍िका, पुलिस के लिए गाइडलाइन की मांग पर हस्तक्षेप से इनकार

लखनऊ: इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad Highcourt) ने संभल हिंसा मामले (Smabhal Violence) में दायर जनहित याचिका (PIL) खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा इस मामले में जांच आयोग गठित किया जा चुका है। पुलिस के लिए गाइडलाइन बनाने की मांग पर हस्तक्षेप करने से इंकार करते हुए कोर्ट ने कहा कि जांच आयोग इस मामले की जांच कर रहा है। न्यायमूर्ति अरविंद कुमार मिश्र और न्यायमूर्ति गौतम चौधरी की खंडपीठ ने यह आदेश दिया।

अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने कोर्ट को बताया कि सरकार ने हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एक न्यायिक आयोग गठित किया है। इसके बाद याचिका के अधिवक्ता ने पुलिस के लिए गाइडलाइन बनाने की मांग की। इस पर कोर्ट ने कहा कि जांच आयोग मामले की जांच कर रहा है और याचिकाकर्ता यदि चाहे तो उचित फोरम पर अपनी बात रख सकता है। अंत में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने याचिका वापस लेने की प्रार्थना की, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया और याचिका खारिज कर दी।

इस याचिका में मांग की गई थी कि हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज के नेतृत्व में एक एसआईटी गठित कर आयुक्त मुरादाबाद, डीएम, एसपी संभल, एसडीएम चंदौसी, सीओ संभल और एडवोकेट कमिश्नर टीम के सदस्यों की हिंसा में भूमिका की जांच की जाए और रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया जाए। इसके साथ ही यह भी कहा गया था कि स्वतंत्र जांच एजेंसी से संभल हिंसा में राज्य सरकार और प्रशासन की भूमिका की जांच की जाए। यह याचिका वाराणसी के सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार आनंद प्रकाश तिवारी ने दायर की थी।

हिंसा में चार युवकों की मौत

संभल में 24 नवंबर को जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान हिंसा भड़क उठी थी। दर्जनों लोग मस्जिद के पीछे वाली सड़क पर इकट्ठा हो गए और भीड़ बेकाबू हो गई। इसके बाद पुलिस पर पथराव और फायरिंग की गई, साथ ही वाहनों में आग भी लगाई गई। पुलिस ने मुश्किल से हालात पर काबू पाया। इस हिंसा में चार युवकों की मौत हो गई थी।

तीन महिलाओं समेत 30 आरोपी गिरफ्तार

हिंसा के बाद पुलिस ने उपद्रवियों की पहचान करने के लिए जांच शुरू की। सीसीटीवी फुटेज और अन्य फोटो के माध्यम से उपद्रवियों की पहचान की गई। कुछ उपद्रवी अपनी पहचान छिपाकर निजी अस्पतालों में इलाज करवा रहे थे। हालांकि, कोतवाली पुलिस ने अब तक 30 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें तीन महिलाएं भी शामिल हैं।

मंगलवार को कोतवाली पुलिस ने हिंसा में वांछित चल रहे नखासा थाना क्षेत्र के मुहल्ला शहबाजपुरा निवासी अजीम और नखासा के बड़ा बाजार निवासी हसन को उनके घर से गिरफ्तार किया। पुलिस के अनुसार, ये दोनों आरोपी हिंसा में घायल हुए थे और अपनी पहचान छिपाकर मुरादाबाद के एक निजी अस्पताल में इलाज करा रहे थे।

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