इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (YEIDA) द्वारा जेपी एसोसिएट्स लिमिटेड को आवंटित जमीन रद्द करने के फैसले पर अपनी मुहर लगा दी है। इसके साथ ही, कोर्ट ने यीडा को समय पर सभी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए एक समिति गठित करने का आदेश दिया। इस फैसले से लगभग 2500 खरीदारों को राहत मिलेगी।
खरीदारों के लिए रिफंड नीति बनाने का आदेश
कोर्ट ने उन खरीदारों के लिए एक औपचारिक निकास नीति बनाने का आदेश भी दिया, जिन्होंने पहले ही रिफंड लिया है। यह कदम खरीदारों के हितों की रक्षा करने के लिए उठाया गया है।
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1000 हेक्टेयर भूमि का आवंटन रद्द
यीडा ने फरवरी 2020 में बकाया भुगतान नहीं करने के कारण जेपी एसोसिएट्स लिमिटेड द्वारा आवंटित 1000 हेक्टेयर भूमि का आवंटन रद्द कर दिया था। इसके बाद से अब तक के समय को “शून्य काल” घोषित कर दिया गया है, और इस दौरान खरीदारों पर कोई अतिरिक्त शुल्क या जुर्माना नहीं लगाया जाएगा।
यीडा को परियोजनाओं को समय पर पूरा करने का आदेश
कोर्ट ने यीडा को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया है कि रुकी हुई परियोजनाओं को समय पर पूरा किया जाए। इसके लिए यीडा को चार हफ्ते के भीतर एक समिति का गठन करने का निर्देश दिया गया है। इस समिति में आवास और औद्योगिक विकास के प्रमुख सचिव, यूपी रेरा के अध्यक्ष, यीडा के सीईओ और खरीदारों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
जेपी एसोसिएट्स पर 3621 करोड़ का बकाया
यीडा ने 2009-10 में जेपी एसोसिएट्स लिमिटेड की सहायक कंपनी जेपी इंटरनेशनल स्पोर्ट्स को स्पोर्ट्स सिटी के विकास के लिए 1000 हेक्टेयर जमीन आवंटित की थी। इस मामले में यीडा 3621 करोड़ रुपये का बकाया बता रहा है, जबकि जेपी एसोसिएट्स लिमिटेड का दावा है कि केवल 1483 करोड़ रुपये का बकाया है।