सीतापुर: ऑल्ट न्यूज वाले जुबैर को बड़ा झटका, कोर्ट ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा

यूपी की सीतापुर कोर्ट ने ऑल्ट न्यूज के मोहम्मद जुबैर को 14 दिन की न्यायिक हिरासत मे भेज दिया है. दरअसल, आज जुबैर को  ट्वीट के जरिए कथित रूप से धार्मिक भावनाओं को भड़काने के मामले में आज यानी गुरुवार को सीतापुर की एक अदालत में पेश किया गया, जिसके बाद कोर्ट ने यह फैसला सुनाया.

आज थी पेशी

जानकारी के मुताबिक, फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर को गुरुवार को सीतापुर कोर्ट में पेश किया गया था. उस पर धार्मिक भावनाओं को भड़काने का केस दर्ज किया गया है. जिसके बाद कोर्ट ने जुबैर को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. जुबैर को खैराबाद के महंत बजरंग मुनि के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने के मामले में सोमवार को दिल्ली से सीतापुर जिला न्यायालय लाया गया था. इस मामले में एक हिंदूवादी संगठन के जिलाध्यक्ष भगवान शरन ने खैराबाद थाने में बीते जून में केस दर्ज कराया था. जुबैर पर धार्मिक भावनाओं को भड़काने के साथ अन्य कई मामले दर्ज हैं.

जानें क्या है मामला

मोहम्मद जुबैर ने 27 मई 2022 को किए गए अपने ट्वीट में टाइम्स ऑफ इंडिया के विनीत जैन को टैग करते हुए लिखा था, “बहुत बढ़िया! हमें यति नरसिंहानंद सरस्वती या बजरंग मुनि या आनंद स्वरूप जैसे हेट मोंगर को किसी समुदाय या मजहब के खिलाफ बोलने के लिए धर्म संसद आयोजित करने की क्या जरूरत है, जब उससे बढ़िया काम करने के लिए स्टूडियो में एंकर मौजूद हैं.”

महंतों को हेट मोंगर कहने पर राष्ट्रीय हिंदू शेर सेना के सीतापुर जिलाध्यक्ष भगवान शरण ने खैराबाद थाने में IPC की धारा 295-A और IT ऐक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया था. भगवान शरण का कहना है कि जुबैर ने महंतों को हेट मोंगर कहकर उनकी धार्मिक भावनाएँ भड़काई हैं. प्राथमिकी में कहा गया है कि जुबैर का बजरंग मुनि के साथ किसी तरह की पुरानी रंजिश या मुकदमा नहीं है. इसके बावजूद समाज में विद्वेष फैलाने और हिंदू-मुस्लिम विवाद कराने की उसने सोची-समझी साजिश की.

प्राथमिकी में यह भी कहा गया है कि मोहम्मद जुबैर देश के हिंदूवादियों के खिलाफ मुस्लिमों को भड़काता है और उनकी हत्या कराने के लिए उकसाता है. इनमें कमलेश तिवारी, यति नरसिंहानंद या अन्य लोग है, जिनकी या तो हत्या कर दी गई या जिनकी हत्या करने की कोशिश की जा रही है. जुबैर लगातार सांप्रदायिक टिप्पणी करते रहता है और उसके खिलाफ दिल्ली में पॉक्सो ऐक्ट में मामला भी दर्ज है.

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