लाइफस्टाइल: भारत में प्राचीन समय से ही कई ऐसी प्राकृतिक चीजों का इस्तेमाल किया जाता है जो हमारे शरीर के लिए औषधि का काम करती है. संसार में मौजूदा सभी प्राकृतिक संपदा से कई तरह का इलाज भी आज के समय में संभव है. वहीँ इस काम में पहले भी फूलों का इस्तेमाल होता था आज भी होता है. वहीं यह कहा जाता है कि कुछ खास तरह के फूल होते हैं जो कई तरह की बीमारियों को ठीक करने में काफी कारगर होते हैं. फूल हमारे जीवन के कई विभिन्न अंगों की तरह होते हैं, यह न केवल आपके आसपास की सुंदरता को बढ़ाते हैं बल्कि पोषण और औषधीय उपयोग के लिए भी इस्तेमाल होते हैं. सुंदर से दिखने वाले कई तरह के फूलों में त्वचा की समस्याओं से लेकर कई तरह के संक्रमण तक को ठीक करने की शक्ति होती है. कई फूलों का इस्तेमाल हम जूस और काढ़े के रूप में भी करते हैं. इसे टिंचर के रूप में शरीर पर लगाया जा सकता है. आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ खास फूलों के बारे में जो औषधीय रूप में आपकी मदद कर सकते हैं.
गुलाब-
प्यार करने वालों के लिए गुलाब का फूल काफी खास होता है साथ ही इस फूल की पंखुड़ियों में कई गुण होते हैं. इसमें मौजूदा टैनिन, विटामिन ए, बी और सी भी होता है. इसे कई तरह से प्रयोग किया जाता है, गुलाब के फूल के रस का उपयोग शरीर की गर्मी और सिरदर्द को कम करने के लिए भी किया जाता है. इसके सूखे फूलों को गर्भवती महिलाओं को मूत्रवर्धक के रूप में दिए जाते हैं और पंखुड़ियों का उपयोग पेट की सफाई के लिए किया जाता है. गुलाब की पंखुड़ियों का इस्तेमाल ‘मुरब्बा’ जैसी मिठाइयां बनाने के लिए भी किया जाता है और जो डाइजेशन संबंधी समस्याओं को कम करने में मदद करता है. गुलाब की पंखुड़ियों से खांसी, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस जैसी फेफड़ों की समस्याएं और पाचन संबंधी समस्याओं जैसे अपच और पेट फूलना को ठीक किया जा सकता है. इन सुगंधित फूलों का इस्तेमाल आयुर्वेदिक दवाओं में त्वचा रोगों, घावों और अल्सर जैसी विभिन्न बीमारियों के लिए किया जाता है. चंपा फूल का काढ़ा मतली, बुखार, चक्कर आना, खांसी और ब्रोंकाइटिस के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
गुड़हल-
गुड़हल के फूल की पंखुड़ियां से लेकर पत्तियां भी काफी लाभकारी होती हैं, जो कई रंगों में मौजूद होती हैं. इसकी पत्तियां लाल, गुलाबी, सफेद, पीले और नारंगी रंग में पाई जाती हैं. आयुर्वेद में आज भी इसका इस्तेमाल चाय बनाने में किया जाता है जो ब्लड प्रेशर के लेवल को कम करने में मदद करता है. यह लूज मोशन, पाइल्स, ब्लीडिंग के साथ-साथ बालों के झड़ने, हाई ब्लडप्रेशर, खांसी में भी मदद करता है.
अमलतास-
अमलतास भी काफी फायदेमंद फूल होता है जिसका इस्तेमाल कई रोगों को ठीक करने में किया जाता है. गोल्डन शावर ट्री में पीले फूल होते हैं जो इसके पेड़ से लंबी लटकती जंजीरों में दिखाई देते हैं. यह त्वचा रोगों, हार्ट संबंधी बीमारियों, पीलिया, कब्ज, अपच और यहां तक कि कान के दर्द में भी उपयोगी है.
कमल-
कमल सफेद या गुलाबी रंग के बड़े फूल होते हैं. कमल के फूल का जबरदस्त आध्यात्मिक और सांस्कृतिक अर्थ है. यह तापमान, प्यास, त्वचा रोग, जलन, फोड़े, लूज मोशन और ब्रोंकाइटिस को कम करने में कारगर साबित होता रहा है.
गुलदाउदी-
गुलदाउदी सजावटी पीले फूल होते हैं. इस फूल का रस या आसव चक्कर आना, हाई ब्लड प्रेशर, फुरुनकुलोसिस को ठीक करने में मदद करता है. इसकी पंखुड़ियों से बनी गरमा गरम चाय शरीर दर्द और बुखार को कम करने में मदद करती है. सूजी हुई आंखों को शांत करने के लिए ठंडा होने के बाद इसमें एक कॉटन पैड डुबोएं और उसे आंखों पर लगा लें. इसका उपयोग पाचन विकारों को ठीक करने के लिए भी किया जाता है.
जैस्मिन-
जैस्मिन का फूल सुगंध में तो काफी बेहतरीन होता ही है साथ ही यह कई रोगों को ठीक करने में इस्तेमाल होता है. सुगंधित सफेद फूलों से बनी चमेली की चाय लंबे समय से चिंता, अनिद्रा और नर्वस सिस्टम से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए इस्तेमाल की जाती है. यह डाइजेशन संबंधी समस्याओं, पीरियड्स के दर्द और सूजन को कम करने के लिए भी फायदेमंद साबित होती है.
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