केंद्रीय मंत्री और सांसद स्मृति ईरानी का संसदीय क्षेत्र अमेठी (Amethi) एक बार फिर सुर्खियो में है। इस जिले में शुक्रवार को जो हुआ, वह पूरे प्रदेश में कोई भी जिला अबतक नहीं कर पाया। इसके काम के लिए प्रदेश सरकार को अपना सॉफ्टवेयर तक बदलना पड़ गया। दरअसल, अमेठी की मुसाफिरखाना तहसील में शुक्रवार को अब तक की सबसे महंगी रजिस्ट्री हुई है। यह रजिस्ट्री आदित्य बिरला ग्रुप ने कराई है। इसी के साथ प्रदेश में अब तक हुई रजिस्ट्री में मिलने वाले स्टांप व रजिस्ट्री शुल्क के सभी पुराने रिकॉर्ड टूट गए हैं।
आदित्य बिरला ग्रुप ने इस रजिस्ट्री के लिए स्टाम्प शुल्क और पंजीयन शुल्क को मिलाकर कुल 161 करोड़ रुपये से अधिक ई-पेमेंट के जरिए अदा किए हैं। कंपनी की तरफ से रजिस्ट्री ग्रासिम इंडस्ट्रीज के ज्वाइंट प्रेसीडेंट सुरेश चंद्र डाड ने कराई। रजिस्ट्री के बाद उप निबंधक भानुप्रताप सिंह ने इसके दस्तावेज सुरेश चंद्र को सौंप दिए। एडीएम वंदिता ने बताया कि शु्क्रवार को हुई यह रजिस्ट्री स्टांप शुल्क की दृष्टि से प्रदेश में अब तक की सबसे बड़ी रजिस्ट्री है।
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उन्होंने बताया कि जमीन की रजिस्ट्री के बाद आदित्य बिरला ग्रुप ने ई स्टाम्प के माध्यम से सरकारी खजाने में एक अरब 41 करोड़ से अधिक का स्टाम्प जमा कराया है। ग्रुप ने रजिस्ट्री शुल्क के लिए 22 करोड़ 22 लाख से अधिक रुपये ई-पेमेंट के माध्यम से जमा कराए हैं।
उन्होंने बताया कि पूरे प्रदेश में सबसे महंगी रजिस्ट्री होने के चलते साफ्टवेयर तक को बदलना पड़ गया। प्रदेश में अब तक रजिस्ट्री विभाग में शुल्क चुकाने के लिए साफ्टवेयर में 10 अंकों की व्यवस्था ही होती थी। आदित्य बिरला ग्रुप की रजिस्ट्री के चलते इस साफ्टवेयर को बदलना पड़ा गया।
बता दें कि 1984 में आदित्य बिरला ग्रुप ने यूपीएसआईडीसी से जिले में 1332.86 बीघा भूमि लीज पर ले रखी है। इस जमीन को आदित्य बिरला ग्रुप की कंपनी ग्रासिम इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने अपने ही ग्रुप के आदित्य बिरला नुवो लिमिटेड से जमीन का लीज परिवर्तन कराया है।
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