उत्तर प्रदेश के अमेठी (Amethi) जिले की पुलिसिंग व्यवस्था को बदलने की कवायद में जिले की एसपी ख्याति गर्ग (SP Khyati Garg) जुटी हुईं हैं. जिसको लेकर उनका अनोखा प्रयास सामने आया है. एसपी ख्याति गर्ग का कहना है कि ‘हम एक अनोखी पहल शुरू कर रहे हैं. इस प्रोग्राम का नाम कॉप टॉक (COP Talk) दिया गया है. इस कार्यक्रम की कोशिश है कि अमेठी में दर्ज होने वाले हर केस में पकड़े जाने वाले अपराधियों को कोर्ट में 100 प्रतिशत सजा मिल सके. इस कार्यक्रम में हम पुलिस अधिकारियों के साथ ही प्राइवेट विशेषज्ञों से भी सहायता लेंगे’.
बता दें एसपी ख्याति गर्ग कहती हैं कि ‘विवेचनाओं की इन्वेस्टिगेशन के स्तर को बेहतर करने के लिए इसमें हम लोग कोई स्पेसिफिक केस लेंगे और उसको लेकर के सेमिनार करेंगे. जैसे किसी आमजन की विवेचना है, उस विवेचना अधिकारी को बुलाया जाएगा और तय किया जाएगा कि इस संबंध में किस तरीके की क्या लिखा-पढ़ी होनी चाहिए? किन-किन बारीकियों को उन्हें ध्यान रखना चाहिए? और किन तरीके से काम करना है? वो हम बताएंगे’.
एसपी गर्ग ने आगे कहा कि ‘पॉक्सो एक्ट की बात करें अभी भी नए बैच के एसआई हैं, जिन्हें पूरी जानकारी नहीं होती है. या फिर उनके पास जानकारी का अभाव है. या वो ठीक से लिखा-पढ़ी नहीं कर सकते हैं. इस कारण पुलिस की पैरवी कमजोर हो जाती है और जिन अपराधियों को हम अपने स्तर से न्यायालय भेजते हैं और उन पर न्यायालय में आरोप सिद्ध नहीं हो पाता’.
एसपी ने बताया कि ‘इसी तरह से महिला संबंधी अपराध में विशेष तौर पर कार्यशालाएं होंगीं. उन्होंने कहा कि मान लीजिए जो 304B के विवेचक हैं, वो हमारे राजपत्रित अधिकारी हैं, हमारे क्षेत्राधिकारी हैं. उनको बुलाकर कार्यशाला होगी. इसमें उनके जो भी ऑन गोइंग प्रोजेक्ट्स हैं, जो विवेचना हैं, उनमें आने वाली परेशानियों को दूर किया जाएगा. उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश है कि इस कार्यक्रम से जिले में विवेचनाओं का स्तर सुधरे. पुलिस अधीक्षक ने कहा कि सीएम, डीजीपी से लेकर सभी अफसरों की प्राथमिकता है कि अपराधियों को सजा मिले, कन्विक्शन रेट बढ़े’.
जिले की पुलिसिंग में बड़े बदलाव की उम्मीद…
एसपी ख्याति गर्ग ने उम्मीद जताई कि ‘इस Cop Talk प्रोग्राम से जनपद में काफी परिवर्तन देखने को मिलेगा. उन्हें इस कार्यक्रम से अच्छे परिणाम मिलने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में हम अपने तमाम रिसोर्सेज का लाभ उठाएंगे. वरिष्ठ अधिकारियों के साथ ही प्राइवेट सेक्टर से तमाम लॉ फैकल्टी का इसमें सहयोग लिया जाएगा. हम कई जगह थाना स्तर पर क्षेत्राधिकारी स्तर पर, एडिशनल स्तर पर और खुद मेरे स्तर पर पॉस्को के कुछ केसों पर ध्यान दे रहे हैं. इनमें हम सुपरविजन करेंगे, ताकि उनकी प्रभावी पैरवी हो सके’.
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