उत्तर प्रदेश के अमेठी (Amethi) जनपद के संजय गांधी अस्पताल (Sanjay Gandhi Hospital) का लाइसेंस निलंबित करने का मामला तूल पकड़ने लगा है। पीलीभीत से बीजेपी सांसद वरुण गांधी (Varun Gandhi) ने इस अस्पताल को खोलने के लिए उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक (Brajesh Pathak) को पत्र लिखा है। यह अस्पताल वरुण गांधी के पिता के नाम पर है। ऐसे में उन्होंने इस अस्पताल पर हुई कार्रवाई को लेकर चिंता व्यक्त की है।
वहीं, यूपी के स्वास्थ्य मंत्री और डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक का कहना हैकि यह एक गंभीर मामला है। अस्पताल की लापरवाही के कारण एक बेटी की जान चली गई। स्थानीय स्तर की टीम की जांच के बाद यह निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि हम पूरे प्रदेश के अस्पतालों को रेगुलराइज कर रहे हैं।
The swift suspension of the Sanjay Gandhi Hospital's license in Amethi, without a thorough investigation, is an injustice to all individuals who depend on the institution not only for primary healthcare services but also for their livelihoods.
While accountability is crucial, it… pic.twitter.com/9TJNcrIkvd
— Varun Gandhi (@varungandhi80) September 22, 2023
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि लापरवाही के कारण मरीजों की जान लेने वाले अस्पतालों को बख्शा नहीं जाएगा। कड़ी कार्रवाई की जाएगी। दरअसल, मुंसीगंज स्थित संजय गांधी अस्पताल में कोतवाली क्षेत्र मुसाफिरखाना के गांव राम शाहपुर निवासी अनुज शुक्ला की पत्नी दिव्या शुक्ला की मौत हो गई। इसके बाद संजय गांधी अस्पताल का लाइसेंस निलंबित कर सभी सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
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उधर, इस कार्रवाई से आक्रोशित कर्मचारी संघ के अध्यक्ष संजय सिंह की अगुवाई में कर्मचारियों ने अस्पताल परिसर में नारेबाजी की। कर्मियों ने निलंबन समाप्त करने की मांग की है। कलेक्ट्रेट पहुंचकर संघ ने डीएम को संबोधित ज्ञापन एसडीएम को दिया। इन्होंने कहा कि संजय गांधी अस्पताल में वह बीते 35 वर्षों से कार्यरत हैं। अस्पताल पर कार्रवाई से यहां के कर्मचारियों की आजीविका पर संकट पैदा हो गया है।
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