भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर है, खासकर कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद। इस बीच केंद्र सरकार ने देशभर के 244 जिलों में 7 मई को मॉक ड्रिल कराने का निर्णय लिया है। उत्तर प्रदेश में भी इस अभ्यास को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। राज्य के डीजीपी प्रशांत कुमार ने सभी जिलों को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि आम जनता के साथ समन्वय बनाकर मॉक ड्रिल को प्रभावी बनाया जाए।
गृह मंत्रालय ने दिए आदेश
गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिए हैं कि 7 मई को व्यापक स्तर पर नागरिक सुरक्षा अभ्यास (मॉक ड्रिल) कराया जाए। इसका उद्देश्य आम नागरिकों को आपात परिस्थितियों, विशेषकर युद्ध जैसी स्थिति में, सतर्क और तैयार बनाना है।
यूपी के कई जिलों में होगी मॉक ड्रिल
उत्तर प्रदेश के उन जिलों में मॉक ड्रिल कराई जाएगी, जिन्हें पहले से सिविल डिफेंस के लिए चिन्हित किया गया है। इसमें आम नागरिकों, छात्रों और स्वयंसेवकों को युद्धकालीन सुरक्षा उपायों की जानकारी दी जाएगी। ड्रिल के दौरान निम्नलिखित गतिविधियां शामिल होंगी:
- सायरन बजाकर हवाई हमले की चेतावनी देना
- ब्लैक आउट की स्थिति का अभ्यास
- महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को छिपाने की रणनीति
- तेजी से स्थान खाली कराने की प्रक्रिया
- सुरक्षा उपायों की जानकारी देना और रिहर्सल कराना
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54 साल बाद होगी मॉक ड्रिल
इस तरह की मॉक ड्रिल देश में आखिरी बार 1971 में भारत-पाक युद्ध के दौरान कराई गई थी। अब 54 साल बाद देश को फिर से ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ रहा है, जब नागरिकों को युद्ध जैसी स्थिति के लिए मानसिक और व्यावहारिक रूप से तैयार करना जरूरी हो गया है।
अंधेरे में सायरन गूंजेगा, युद्ध जैसा माहौल तैयार होगा
ड्रिल के दौरान बिजली बंद कर “ब्लैकआउट” का माहौल बनाया जाएगा और हवाई हमले जैसे सायरन बजाए जाएंगे, जिससे नागरिक वास्तविक स्थिति में घबराने की बजाय सावधान और तैयार रहें।