पुलवामा आतंकी हमले को रूटीन अटैक घटना बताने वाले कांग्रेस लीडर सैम पित्रोदा के बयान पर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने सीधे तौर पर राहुल गांधी पर वार किया है. अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष को सैम पित्रोदा के बयान पर शहीदों के परिवारों और जनता से माफी मांगनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सिर्फ किनारा करने से कुछ नहीं होगा. देश की जनता उनकी नीति को समझती है और इसीलिए उसने कांग्रेस को ही किनारे लगा दिया है. शाह ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘कांग्रेस पार्टी के विदेश विभाग के कोऑर्डिनेटर और चुनाव घोषणा पत्र समिति के सदस्य सैम पित्रोदा का जो बयान आया, वह काफी चिंताओं को जन्म देने वाला है.’
शाह ने कहा कि आज देश मे युवाओं मे राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा अहम बना हुआ है, ऐसे में सैम पित्रोदा का जो बयान आया वो चिंताओं को जन्म देने वाला है. कांग्रेस बताए क्या पुलवामा की घटना आम घटना है, क्या एयर स्ट्राइक से आतंक को जवाब नहीं देना चाहिए?.’ उन्होंने कहा, ‘सैम पित्रोदा के बयान पर कांग्रेस अध्यक्ष देश की जनता और शहीदों के परिवार से माफ़ी मांगे क्योंकि बयान से किनारा करने से कोई हल नहीं निकलता. मैं कांग्रेस अध्यक्ष से मांग करता हूं कि आप सैम पित्रोदा के बयान पर देश से, शहीदों के परिवार से और देश के वीर सैनिकों से माफी मांगिये.’
शाह ने कहा कि ‘केंद्र में बीजेपी सरकार बनने के बाद हमने आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति को अपनाया है और हम डटकर आतंकवाद के खिलाफ खड़े हैं.’ शाह ने कहा कि ‘कुछ लोगों की हरकतों से किसी देश को दोषी नहीं मानना चाहिए, क्या कांग्रेस पार्टी मानती है कि जो आतंकवादी घटनाएं होती हैं इसका पाकिस्तान से संबंध है या नहीं इसको पहले स्पष्ट करें. अगर रिश्ता है तो दोषी कौन? क्या कांग्रेस पार्टी पुलवामा जैसे जघन्य हमले को जो देश की जनता को झंकझोर कर रख देते हैं, उसको आप सामान्य घटना मानते हैं?’
कांग्रेस की ओर से पित्रोदा के बयान को निजी बताने पर शाह ने कहा कि राजनीति में कुछ भी निजी नहीं होता है. उन्होंने कहा, ‘मैं कांग्रेस को एक सलाह देना चाहता हूं कि आपके किनारे को जनता ठीक तरह से समझती है और आपको किनारे कर दिया है. कभी पी. चिदंबरम, कपिल सिब्बल, नवजोत सिंह सिद्धू, मणिशंकर अय्यर और कभी संदीप दीक्षित जैसे लोगों के बयान को व्यक्तिगत बयान देते हो. लेकिन, इन्हें कुछ नहीं होता है. यह राहुल गांधी की रणनीति का हिस्सा है. कांग्रेस अध्यक्ष को अब स्वयं माफी मांगनी चाहिए.
बता दें कि एक दिन पहले सैम पित्रोदा ने शुक्रवार को कहा था कि भारतीय वायुसेना की तरफ से क्या सचमुच हवाई हमले किए गए थे? उन्होंने इस बारे में और तथ्यों की मांग की थी. हालांकि, बाद में विवाद को बढ़ता देख उन्होंने कुछ ही देर बाद सफाई देते हुए कहा कि ऐसा उन्होंने सिर्फ एक नागरिक के नाते कहा है और देश के नागरिक के नाते उन्हें यह जानने का अधिकार है, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी पित्रोदा के बयान को लेकर पार्टी की जमकर फजीयत हुई.
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