बिकरू कांड: SO विनय तिवारी को क्लीन चिट देने वाले IPS को मिली चेतावनी, जानिए क्या है मामला

उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुए बिकरू कांड में विकास दुबे के लिए मुखबिरी तत्कालीन एसओ विनय तिवारी ने की थी। ये आरोप साबित भी हो गया है। SIT की जांच में एसओ के खिलाफ कई नई बातें भी सामने आई है। जिसकी वजह से उनकी मुश्किलें बढ़ती जा रही है। वहीं एसओ को क्लीन चिट देने के आरोप में एक आईपीएस को चेतावनी दी गई है।


ये बात आई सामने

अमर उजाला अखबार की खबर के मुताबिक, शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा ने चौबेपुर के जरारी गांव में आठ मार्च 2020 को दबिश देकर जुआ पकड़ा था। सीओ ने एक रिपोर्ट तत्कालीन एसएसपी को भेजी थी। इसमें आरोप लगाया था कि तत्कालीन एसओ विनय तिवारी के संरक्षण में जुआ चलता है। इसके अलावा एक शिकायत एडीजी को भी की गई थी। इसमें एसओ के साथ सीओ पर भी आरोप लगे थे। इसकी जांच एडीजी ने एएसपी निखिल पाठक को सौंपी।


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उन्होंने 11 मई को जांच पूरी कर उच्च अधिकारियों को रिपोर्ट सौंपी। इसमें सीओ के साथ एसओ पर लगाए गए सभी आरोप सिरे से खारिज कर दिए। दो जुलाई को जब बिकरू कांड हुआ तब यह मामला फिर चर्चा में आया। एडीजी ने एएसपी को चेतावनी दी। वहीं अब एसआईटी ने अपनी जांच में इस मामले को भी शामिल किया। जांच पर सवाल उठाते हुए शासन को रिपोर्ट भेजी। इस पर शासन की तरफ से उन्हें चेतावनी दी गई है।


विकास दुबे का दिया था साथ

गौरतलब है कि एसपी ग्रामीण बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने विभागीय जांच के दौरान पुलिसकर्मियों के बयान लिए और अन्य पुलिसकर्मियों से भी पूछताछ कर बयान दर्ज किए। मोबाइल नंबर सीडीआर समेत अन्य वैज्ञानिक साक्ष्य जुटाए। एसपी ग्रामीण ने बताया कि साक्ष्यों के आधार पर दोनों पुलिसकर्मी जांच में दोषी पाए गए हैं। विनय तिवारी और केके शर्मा पर साजिश में शामिल होकर वारदात को अंजाम देने में बदमाशों का साथ देने का आरोप है।


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