जम्मू- कश्मीर में आर्टिकल 370 को लेकर पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती (PDP Mehbooba Mufti) और नेशनल कॉन्फ्रेंस चीफ फारूख अब्दुल्ला (NC Farookh Abdullah) के बयानों को लेकर देशभर में गुस्सा है. बीजेपी समेत कई राजनीतिक दल बयानों को लेकर पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेस पर हमलावर बने हुए हैं. वहीं चौतरफा निंदा के बीच बीजेपी नेता और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी की मान्यता रद्द करने के लिए चुनाव आयोग को पत्र लिखा है.
चुनाव आयोग में दायर याचिका में उपाध्याय ने कहा कि महबूबा मुफ्ती और फारूख अब्दुल्ला ने देश की संसद, संविधान और राष्ट्र ध्वज का अपमान किया है. इसलिए इनकी पार्टियों की मान्यता रद्द की जानी चाहिए. उपाध्याय ने कहा कि राजनीतिक पार्टियां चुनाव आयोग से मान्यता के लिए जब आवेदन करती हैं तो इस बात की घोषणा करती हैं कि वह देश की संसद, संविधान और राष्ट्र ध्वज का सम्मान करेंगी. याचिका में कहा गया है कि चुनाव आयोग को यह अधिकार है कि संसद, संविधान और राष्ट्रध्वज का अपमान करने वाली पार्टियों की मान्यता निलंबित या रद्द कर सकता है.
अश्विनी उपाध्याय ने महबूबा मुफ्ती और फ़ारुख अब्दुल्ला के बयानों का हवाला देते हुए कहा कि आजकल यह चलन हो गया है कि राजनीतिक पार्टी के नेता संसद, संविधान और राष्ट्रध्वज का अपमान करने से परहेज नहीं करते. बीजेपी नेता ने अपनी याचिका में चुनाव आयोग से मांग की है कि आयोग सभी राजनीतिक पार्टियों को यह निर्देश जारी करे कि प्रतिदिन पार्टी मुख्यालयों पर राष्ट्रीय झंडा फहराया जाए. साथ ही यह भी निर्देश जारी किया जाय कि किसी भी राजनीतिक दल का कोई नेता राष्ट्रध्वज का अपमान न करे.
उपाध्याय ने वीडियो जारी कर कहा कि पीडीपी और नेशनल कॉफ्रेंस के मुखिया बार-बार संविधान, राष्ट्रगान और राष्ट्रध्वज का अपमान कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जब राजनीतिक दल बनाना था तब इन्होंने शपथ पत्र पर लिखकर दिया था कि मैं संविधान को मानूंगा, उसकी सारी भावनाओें को मानूंगा, पार्लियामेंट को मानूंगा, और संविधान में जितनी भी चीजें हैं, उन सभी का अक्षरश: पालन करूंगा. लेकिन आज दोनों पार्टियों के मुखिया कभी आर्टिकल 370 तो कभी आर्टिकल 35-A के नाम पर कभी संविधान का अपमान करते हैं तो कभी सुप्रीम कोर्ट का अपमान करते हैं. कभी राष्ट्रगान का अपमान करते हैं तो कभी राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करते हैं,
भाजपा नेता ने कहा कि मैने चुनाव आयोग में याचिका दाखिल की है. मैने मांग की है कि आर्टिकल 29-A रिप्रजेंटेशन ऑप पीपल एक्ट में बहुत साफ-साफ लिखा हुआ है कि मैं पूरी तरह से संविधान और उसकी भावनाओं को मानूंगा. वहीं महबूबा मुफ्ती और फारूख अब्दुल्ला बार-बार इसका अपमान कर रहे हैं, इसीलिए पार्टी की सदस्यता रद्दद की जाए तथा इनकी पार्टी का चुनाव चिन्ह सीज कर दिया जाए.
गौरतलब है कि महबूबा मुफ्ती और फारूख अब्दुल्ला बीते कुछ दिनों से लगातार देशविरोधी बयान दे रहे हैं. हाल ही में फारूख अब्दुल्ला धारा 370 की बहाली के लिए चीन से समर्थन की उम्मीद जताई थी तो वहीं महबूबा मुफ्ती ने आर्टिकल 370 हटाने के विरोध में तिरंगा न उठाने की बात कही थी. बता दें कि जम्मू-कश्मीर के विपक्षी दलों ने अभी हाल में पीपुल्स एलायंस फॉर गुपकर डिक्लेयरेशन (पीएजीडी) का ऐलान किया जो एक प्रकार का घोषणा पत्र है. इसे गुपकर घोषणापत्र गठबंधन का भी नाम दिया गया है. इस गठबंधन में नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के अलावा अन्य छोटे दल शामिल हैं.
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