जनसँख्या नियंत्रण को लेकर बीजेपी नेता की पीएम मोदी को चिट्ठी, 2 से अधिक बच्चों वाले नेताओं को चुनाव लड़ने से रोकने का दिया सुझाव

भाजपा के प्रवक्ता और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील अश्विनी उपाध्याय ने देश में तेजी से बढ़ रही जनसंख्या पर चिंता व्यक्त करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है. इस पत्र में उन्होंने जनसँख्या नियंत्रण को लेकर कई सुझाव दिए हैं.

 

इसमें दो से अधिक बच्चों वाले नेताओं को चुनाव लड़ने से रोकने से लेकर परिवार नियोजन के साधनों के वितरण के सुझाव दिए हैं. कहा है कि चीन की तरह जनसंख्या नियंत्रण को लेकर सख्त कानून से ही भारत में इस समस्या से मुक्ति मिल सकती है. ‘हम दो-हमारे दो’ का फार्मूला लागू करना बहुत जरूरी है, नहीं तो देश को आने वाले समय में भारी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा. उन्होंने हर महीने के प्रथम रविवार को हेल्थ डे घोषित कर इस दिन गर्भनिरोधक साधनों कंडोम, कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स आदि बांटने की मांग की है.

 

‘हम दो-हमारे दो’ के उल्लंघन पर छिनें अधिकार

भाजपा प्रवक्ता ने कहा है कि ‘हम दो-हमारे दो’ का पालन करने वाले परिवारों को जहां प्रोत्साहित किया जाना चाहिए, वहीं इसका उल्लंघन करने पर सजा का भी प्रावधान होना चाहिए. दो से अधिक बच्चे पैदा करने वालों से संविधान के तहत मिले सभी अधिकार छीन लेना चाहिए. मसलन, वोट देने का अधिकार से लेकर राइट टू जस्टिस, आजीविका का अधिकार, गरिमा का अधिकार, स्वास्थ्य का अधिकार, बराबर वेतन, कानून सहायता, स्वस्थ वातावरण, आश्रय आदि अधिकारों को छीन लिया जाना चाहिए.

 

नेताओं पर लगे सख्त पाबंदियां 

अश्विनी उपाध्याय ने जनसंख्या नियंत्रण को लेकर नेताओं पर खासतौर से पाबंदी लगाने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि दो से अधिक बच्चे पैदा करने वाले लोगों को सिर्फ चुनाव लड़ने से ही रोकने से काम नहीं बनेगा, बल्कि राजनीतिक दलों के गठन से लेकर उनके पार्टी पदाधिकारी बनने पर भी कानूनी बंदिश होनी चाहिए. भाजपा नेता ने प्रधानमंत्री और चुनाव आयोग को पत्र लिखकर संसदीय और राज्य विधानसभा चुनाव लड़ने की अधिकतम सीमा 70 साल और न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता स्नातक करने का निर्देश देने की भी मांग की है. उपाध्याय ने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में पत्र लिखकर ऐसे कानून बनाने की मांग की है, जिसके तहत सिर्फ दो बच्चे वाले ही चुनाव लड़ सकते हैं.

 

बता दें, अश्विनी उपाध्याय दिल्ली उच्च न्यायालय से लेकर सुप्रीम कोर्ट में 50 से अधिक जनहित याचिकाओं के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने चुनाव, न्यायिक सिस्टम में सुधार, मुस्लिमों में बहुविवाह, तीन तलाक, हलाला आदि मुद्दों पर याचिकाएं अदालतों में दायर कर रखीं हैं.

 

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