उत्तर प्रदेश में कट्टरपंथियों द्वारा दलितों पर हमले (Attack on Dalits by Muslims) के लगातार मामले सामने आ रहे हैं. एक के बाद एक 4 जिलों में एक जैसे मामले देखने को मिले, सभी में जातिसूचक शब्द कहे गए और भीड़ द्वारा कातिलाना हमला किया गया. दलितों पर हमले की इस सुनियोजित साजिश को लेकर योगी सरकार के तेवर सख्त हैं. योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार ने दलितों पर बुरी नजर डालने वालों को तत्काल सलाखों के पीछे पहुंचाने के निर्देश पुलिस को दिए हैं. दलितों पर बढ़ रहे इन हमलों के पीछे प्रदेश को सांप्रदायिक दंगों की आग में झोंकने साजिश माना जा रहा है.
लखीमपुर, उन्नाव, मुरादाबाद, मेरठ और गाजियाबाद में एक के बाद एक, दलितों पर कट्टरपंथियों के सुनियोजित हमले से लोग सकते में हैं. पश्चिम यूपी में दलित परिवार के साथ मारपीट कर उन्हें गांव से बाहर खदेड़ने की साजिश भी सामने आई है. इलाकाई वर्चस्व कायम करने की सनक में गरीब और कमजोर दलितों को निशाना बना रहे कट्टरपंथियों पर योगी सरकार योगी सरकार कड़ा प्रहार करने की तैयारी में है. पूरे मामले का खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लेते हुए पुलिस अफसरों को तलब कर दलितों के गुनहगारों के हाथों में हथकड़ी पहनाकर जेल भेजने के निर्देश दिए हैं.
21 अक्टूबर को मुरादाबाद के भोजपुर थाना क्षेत्र निवासी पप्पू वाल्मीकि को खली खरीदने के दौरान जिलानी और मुजम्मिल नाम के दो युवकों ने जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए सार्वजनिक तौर से अपमानित किया और डरा धमका कर भगा दिया. मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. उन्नाव में दलितों के प्रति कट्टरपंथियों की नफरत सड़क पर दिखी. नाली साफ करने का पैसा मांग रहे दलित परिवार को कट्टरपंथियों ने घेर का पीटा और गांव छोड़ कर भाग जाने की धमकी दी. मामले में पुलिस ने तत्काल सख्त कार्रवाई की.
इससे पहले 11 अक्टूबर को लखीमपुर में कट्टरपंथियों का कहर दलितों पर टूटा. जिले की मितौली तहसील के खुर्रमनगर गांव के दलित रंजीत भार्गव को गांव के दबंग मोहम्मद लतीफ ने अपने एक दर्जन साथियों के साथ मिल कर पीटा. दबंगों ने रंजीत के घर पर हमला बोला,महिलाओं और बच्चों को लाठियों से पीटने के बाद घर में आग लगा कर सभी को जिंदा जलाने की कोशिश की. मामले में कड़ी कार्रवाई करते हुए पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.
गौरतलब है कि मेरठ के परीक्षित गढ़ में वसीम, बादल और शौकीन नाम के दबंगों ने 16 अक्टूबर की रात संदीप वाल्मीकि के घर हमला कर उसे व उसके परिवार को मारा पीटा,जाति सूचक गालियां देने के साथ ही कट्टरपंथियों ने पुलिस को सूचना देने पर जान से मारने की धमकी दी. दलितों पर हमले के सभी मामलों में पुलिस ने तत्काल और सख्त कार्रवाई कर षडयंत्रकारियों के मंसूबों को नाकाम कर दिया है.
प्रदेश में दलितों पर बढ़ रहे हमलों को सुनियोजित साजिश के तौर पर देखा जा रहा है. दलितों पर हमले के जरिये जहां एक तरफ योगी सरकार को बदनाम करने का षडयंत्र रचा जा रहा है वहीं यूपी को सिलसिलेवार जातीय और सांप्रदायिक दंगों की आग में झोंकने की साजिश की जा रही है. जानकारों की मानें तो दलितों पर हमले के पीछे खुद का अस्तित्व तलाश रहे राजनीतिक दलों के साथ अपना राजनीतिक अस्तित्व खो चुकी राजनीतिक पार्टियां हैं. ऐसे दल जातीय और सांप्रदायिक संघर्ष में सियासी रोटी सेंकने में जुटे हैं.
उत्तर प्रदेश की विकास की गति रोकने और जातीय संघर्ष में झोंकने के षडयंत्र को नाकाम करने के लिए योगी सरकार ने कमर कस ली है. पुलिस अफसरों को ऐसे किसी भी कुचक्र का करारा जवाब देने और साजिश कर्ताओं पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं.
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