संसद में पेश किए गए नए ग्रामीण रोजगार विधेयक को लेकर केंद्र सरकार और विपक्ष आमने-सामने आ गए हैं। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) की जगह लाए गए ‘विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) बिल, 2025’ पर विपक्ष ने कड़ा ऐतराज जताया है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने इसे महात्मा गांधी के विचारों के खिलाफ बताते हुए ग्रामीण गरीबों की आजीविका पर हमला करार दिया। विपक्षी सांसदों ने संसद परिसर में प्रदर्शन करते हुए आरोप लगाया कि नए कानून में महात्मा गांधी का नाम हटाकर उनकी विरासत को कमजोर किया जा रहा है। राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने मनरेगा के स्थान पर लाए गए ‘विकसित भारत गारंटी’ (VB-G RAM G) बिल को महात्मा गांधी के आदर्शों के प्रति अपमान बताया है।
राहुल गांधी का मोदी सरकार पर हमला
मोदी जी को दो चीज़ों से पक्की नफ़रत है – महात्मा गांधी के विचारों से और गरीबों के अधिकारों से।
मनरेगा, महात्मा गांधी के ग्राम-स्वराज के सपने का जीवंत रूप है – करोड़ों ग्रामीणों की ज़िंदगी का सहारा है, जो कोविड काल में उनका आर्थिक सुरक्षा कवच भी साबित हुआ।
मगर, प्रधानमंत्री मोदी…
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 16, 2025
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा ,मोदी जी को दो चीज़ों से पक्की नफ़रत है ,महात्मा गांधी के विचारों से और गरीबों के अधिकारों से। मनरेगा महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज की भावना का प्रतीक है और करोड़ों ग्रामीणों के लिए यह जीवनरेखा रही है, खासकर कोविड महामारी के दौरान। राहुल का आरोप है कि प्रधानमंत्री मोदी इस योजना से शुरू से असहज रहे हैं और पिछले एक दशक में इसे कमजोर करने के प्रयास होते रहे हैं। उनके मुताबिक, नया बिल मनरेगा को खत्म करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
केंद्र के नियंत्रण और राज्यों पर बोझ का आरोप
नए विधेयक के प्रावधानों पर सवाल उठाते हुए राहुल गांधी ने कहा कि इसके जरिए केंद्र सरकार सभी फैसले अपने हाथ में रखना चाहती है। उनका दावा है कि बजट, नियम और योजनाओं का नियंत्रण केंद्र के पास होगा, जबकि राज्यों को 40 प्रतिशत खर्च उठाने के लिए बाध्य किया जाएगा। उन्होंने यह भी आशंका जताई कि बजट खत्म होने या फसल कटाई के मौसम में काम के अवसर ठप हो सकते हैं, जिससे ग्रामीण मजदूरों की आय पर सीधा असर पड़ेगा। राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस इस विधेयक का गांव से लेकर संसद तक विरोध करेगी।
सरकार का पक्ष और विधेयक का उद्देश्य
सरकार की ओर से केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भारी हंगामे के बीच लोकसभा में यह विधेयक पेश किया। सरकार का कहना है कि यह कानून ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। विधेयक के अनुसार, ग्रामीण परिवारों को एक वित्तीय वर्ष में 125 दिनों के वेतनयुक्त रोजगार की कानूनी गारंटी दी जाएगी। सरकार का दावा है कि इसका उद्देश्य जल सुरक्षा, ग्रामीण बुनियादी ढांचे और आजीविका से जुड़े कार्यों के माध्यम से रोजगार सृजन के साथ-साथ टिकाऊ संपत्तियों का निर्माण करना है।

















































