श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र (Shriram Janmbhoomi Teerth Kshetra) ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय (Champat Rai) ने राम मंदिर की जमीन की खरीद में कथित रूप से भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच एक और बयान जारी किया है. उन्होंने कहा कि ट्रस्ट श्री राम जन्मभूमि मंदिर को वास्तु शास्त्र के अनुसार भव्य रूप देने, परिसर को हर तरह से सुरक्षित और पर्यटकों के लिए सुविधाजनक बनाने के लिए काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि इस मंदिर के पूर्व और पश्चिम भाग में निर्माण दीवार और रिटेनिंग वॉल की सीमा के भीतर आने वाले महत्वपूर्ण मंदिर/स्थान आपसी सहमति से खरीदे गए हैं. चंपत राय ने कहा है कि ‘सभी लेनदेन बैंक टू बैंक हुए हैं, टैक्स में कोई चोरी नहीं की गई है’.
चंपत राय ने ने कहा है कि, “जितना क्षेत्रफल है उसकी तुलना में इस भूमि का मूल्य 1423 रुपये प्रति वर्ग फीट है जो बाजार मूल्य से बहुत कम है. मालिकाना हक का निर्णय करना बहुत जरूरी था जो कराया गया. हमने जमीन का एग्रीमेंट करा लिया. अभी बैनामा कराया जाना बाकी है.” उन्होंने कहा कि, “सभी लेनदेन बैंक टू बैंक हुए हैं और टैक्स में कोई चोरी नहीं की गई है. दुर्भाग्यपूर्ण है कि आरोप लगाने वालों ने आरोप से पहले ट्रस्ट के पदाधिकारियों से तथ्यों की जानकारी नहीं ली. उन्होंने समाज को भ्रमित किया है. भ्रमित न हों और मंदिर समय सीमा में पूरा करने में सहयोग करें.”
बता दें, AAP, कांग्रेस, सपा नेताओं ने आरोप लगाया है कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए एक जमीन 18 मार्च को 2 करोड़ रुपये में खरीदी गई और इसके बाद वहीं जमीन 18 मार्च को ही पांच मिनट बाद राम मंदिर ट्रस्ट ने 18.50 करोड़ रूपये मे खरीद ली. राजनीतिक दलों ने दावा किया है कि दोनों बार जमीन की हुई खरीद फरोख्त में गवाह वही हैं. ट्रस्ट पर जमीन खरीदने में 16 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया गया है.
( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )