रामलला (Ram Lala) की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या में एक बार फिर आज ऐतिहासिक क्षण देखने को मिला, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) और RSS प्रमुख मोहन भागवत ने राम मंदिर (Ram Mandir) के शिखर पर धर्मध्वजा फहराई। सुबह 11.50 बजे अभिजीत मुहूर्त में बटन दबाते ही 2 किलो वजनी केसरिया ध्वजा 161 फीट ऊंचे शिखर पर लहराने लगी। इस ध्वजा के फहरने के साथ ही राम मंदिर को पूर्ण रूप से तैयार घोषित किया गया। इस दौरान पीएम मोदी भावुक होते दिखे और ध्वजा को हाथ जोड़कर प्रणाम किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा सदियों के घाव आज भर गए।
पीएम मोदी ने किया पूजा अर्चना
ध्वजारोहण से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने पहली बार मंदिर के फर्स्ट फ्लोर पर बने रामदरबार में पूजा और आरती की। वे रामलला के लिए विशेष वस्त्र और चंवर लेकर पहुंचे थे। उन्होंने सप्त ऋषियों के दर्शन किए, भगवान शेषावतार लक्ष्मण की पूजा की और मंदिर परिसर में बनाए गए जलाशय को भी देखा। पूरे कार्यक्रम में पारंपरिक पूजा-विधि और आध्यात्मिक रंग देखने को मिला।
डेढ़ किलोमीटर लंबा रोड शो और सुरक्षा व्यवस्था
PM मोदी सुबह साकेत कॉलेज से रामजन्मभूमि तक करीब 1.5 किमी लंबा रोड शो करते हुए पहुंचे। रास्ते भर स्कूली बच्चों ने उनके काफिले पर फूलों की वर्षा की, वहीं कई स्थानों पर महिलाओं और श्रद्धालुओं ने उनका स्वागत किया। पूरे शहर को 1000 क्विंटल फूलों से सजाया गया है। सुरक्षा के लिए मंदिर में पांच-लेयर सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू है, जिसमें ATS–NSG, SPG, CRPF और PAC के जवान तैनात हैं।
धर्मध्वजा की विशेषता और संतों की मौजूदगी
मंदिर पर लगाई गई धर्मध्वजा विशेष तकनीक से तैयार की गई है, जो तेज तूफान में भी सुरक्षित रहेगी और हवा के बदलने पर बिना उलझे स्वचालित रूप से घूम जाएगी। इसके दंड पर 21 किलो सोना चढ़ाया गया है, और यह ध्वजा 4 किमी दूर से भी दिखाई देगी। समारोह में देशभर के मठों के संत उपस्थित रहे, हालांकि पहले जिन कई सेलिब्रिटीज के आने की चर्चा थी, वे फिलहाल नहीं पहुंचे हैं।



















































