उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ (Azamgarh) जिले के अहरौला थाना क्षेत्र के कोतवालीपुर मोड़ पर शुक्रवार की दोपहर पुलिस अधिकारी की तेज रफ्तार गाड़ी ने एक साइकिल सवार को टक्कर मार दी। इस हादसे में साइकिल के पीछे बैठे 10 साल के आनंद चौहान की मौके पर ही मौत हो गई। साइकिल चला रहे बच्चे के नाना रामबचन चौहान भी गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। वहीं, पुलिस अफसर की लापरवाही देखने को मिली, उन्होंने घायलों को अस्पताल पहुंचाने के बजाए वहां से चले गए।
एसओ और सिपाहियों को लोगों ने दौड़ाया
इसी वजह से गुस्साए लोगों ने आजमगढ़ (Azamgarh) के अहरौला थाने के पास चांदनी चौक पर शव रखकर सड़क जाम कर दी। वहीं, सूचना पर पहुंचे एसओ अहरौला दौड़ा लिया गया। उन्होंने और सिपाहियों ने एक मकान में छिपकर अपनी जान बचाई। जानकारी मिलने पर एडीएम प्रशासन नरेंद्र सिंह और एसपी ग्रामीण नरेंद्र प्रताप सिंह मौके पर पहुंच गए। इसके बाद करीब तीन घंटे की कोशिश के बाद जबरन शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।
साथ ही लोगों को मामले में कड़ी कार्रवाई का आश्वासन देकर जाम हटवाया गया। एडीएम प्रशासन नरेंद्र सिंह ने बताया कि मृत बच्चे के पिता रामनयन चौहान की तहरीर पर सीओ बूढ़नपुर की गाड़ी और चालक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। उन्होंने बताया कि पीड़ित परिवार को 50 हजार रुपए की आर्थिक मदद दी गई है, नियम के मुताबिक, बाकी अन्य सरकारी सुविधाएं भी दिलाई जाएंगी।
टक्कर के बाद घायल को छोड़कर चले गए सीओ
सूत्रों ने बताया कि इस हादसे में मृत 10 साल का आनंद चौहान सरायमीर थाने के कमालपुर गांव निवासी रामनयन चौहान का बेटा है, जबकि घायल उसके 55 वर्षीय नाना रामबचन चौहान अहरौला क्षेत्र के आलमपुर गांव के निवासी हैं। सूत्रों ने बताया कि आनंद अपने ननिहाल में रहता था लेकिन उसकी तबियत खराब होने पर शुक्रवार को उसके नाना उसे साइकिल पर बैठाकर दवा लेने जा रहे थे।
सूत्रों के मुताबिक, जैसे ही साइकिल कोतवालीपुर मोड़ पर पहुंची, उसी दौरान तहसीलदार बूढ़नपुर, सीओ बूढ़नपुर और सपा नेत्री मनोरमा गिरी की गाड़ी तेजी के साथ गुजरी। इस दौरान आगे चल रही सीओ बूढ़नपुर की अनियंत्रित बोलेरो से रामबचन की साइकिल में टक्कर लग गई, जिससे पीछे बैठा आनंद हवा में उछलकर सड़क पर गिर गया और मौके पर ही उसने दम तोड़ दिया। वहीं, रामबचन भी गंभीर रूप से घायल हो गए। लेकिन सीओ बूढ़नपुर ने उन्हें अस्पताल पहुंचाने की जहमत नहीं उठाई और वहां से चले गए। फिलहाल, आजमगढ़ (Azamgarh) प्रशासन ने पीड़ित परिवार को हर संभव मदद मुहैया कराने की बात कही है।
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