‘आजमगढ़ DM ने मुझे डंडे से पीटा…’, इंजीनियर अरुण सचदेव ने लिखा पत्र, बोले- मुझे धमकाया गया, जिस बाप को बताना हो बता देना

आजमगढ़ (Azamgarh) के जिलाधिकारी रविंद्र कुमार (DM Ravindra Kumar) पर सिंचाई विभाग (Irrigation department) के अधिशासी अभियंता अरुण सचदेव (Arun Sachdev) ने गंभीर आरोप लगाए हैं। सचदेव का कहना है कि 13 जून की शाम उन्हें डीएम कैंप ऑफिस बुलाया गया, जहां पहले उनका मोबाइल जमा करवाया गया और फिर डीएम ने न सिर्फ गालियां दीं,बल्कि डंडे से पिटाई भी की। इंजीनियर ने बताया कि डीएम ने उन्हें धमकी देते हुए कहा, तुम अपने आप को हीरो समझते हो बड़े, हीरो बनते फिरते हो, तुमसे बड़ा हीरो मैं हूं। तुम उप जिलाधिकारी को लेटर लिखोगे, तुम्हें तो मारना चाहिए। इसके बाद जिलाधिकारी ने मारने के लिए हाथ उठा लिया। फिर दो-तीन डंडे मार कर कहा कि जिसको जो बताना बता दो मेरा कोई कुछ नहीं कर पाएगा। जिसके बाद मुझे वहा से भगा दिया गया।

वीडियो कॉन्फ्रेंस के बाद हुई कथित मारपीट

मामला उस समय का है जब एक दिन पहले मुख्य सचिव की वीडियो कॉन्फ्रेंस के बाद डीएम ने जिले में बाढ़ प्रभावित गांवों की जानकारी मांगी थी। इसी बैठक के बाद एक्सईएन को कैंप ऑफिस बुलाया गया। वहां मौजूद स्टेनो ने मोबाइल जमा कराने को कहा और फिर डीएम के कमरे में जाने के बाद कथित रूप से अपमानित और प्रताड़ित किया गया। अरुण सचदेव ने कहा कि इससे उनका आत्मसम्मान आहत हुआ है और वह मानसिक तनाव में हैं।

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सैलरी रोकने और मानसिक उत्पीड़न का आरोप

सचदेव ने यह भी आरोप लगाया कि डीएम ने पहले भी उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया है। 27 मई को निरीक्षण में उपस्थित न होने पर उनकी मई माह की सैलरी रोक दी गई थी, जबकि वे उस दिन हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार गोरखपुर में थे। इसकी जानकारी देने के बावजूद कार्रवाई नहीं रोकी गई।

अब आजमगढ़ में नहीं करना चाहते काम: अरुण

अरुण सचदेव ने साफ तौर पर कहा कि अब वे आजमगढ़ में काम नहीं करना चाहते और उनका ट्रांसफर किसी अन्य जिले में किया जाए। उन्होंने इस घटना की शिकायत सिंचाई विभाग के प्रमुख अभियंता और लखनऊ स्थित विभागाध्यक्ष से की है।

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राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने की कार्रवाई की मांग

मामला सामने आने के बाद आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर इस मामले की निष्पक्ष जांच और डीएम के खिलाफ एफआईआर की मांग की है। उन्होंने इसे अत्यंत गंभीर बताते हुए कहा कि आरोप सही पाए जाएं तो डीएम को निलंबित किया जाना चाहिए। वहीं, डीएम रविंद्र कुमार ने प्रतिक्रिया में कहा कि कुछ लोग विकास कार्यों में रुचि नहीं लेते और केवल राजनीति करते हैं।

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