उत्तर प्रदेश के बागपत (Baghpat) में सिपाही प्रवीण कुमार (Constable Praveen Kumar) मौत मामले में अब नया मोड़ सामने आ रहा है. पहले तो आला अधिकारियों ने आत्महत्या बताकर मामले को रफा दफा कर दिया था लेकिन अब सिपाही के परिजनों का आरोप है कि प्रवीण ने आत्महत्या नहीं की बल्कि उसकी हत्या कर दी गयी. परिजनों का आरोप है कि रिश्वत के पैसे को लेकर सिपाही का दारोगा भगवत सिंह से विवाद चल रहा था तभी दारोगा ने चौकी के भीतर सिपाही को अपनी सर्विस रिवॉल्वर ने गोली मार दी.
परिजनों ने की दारोगा पर केस दर्ज करने की मांग
हिन्दी दैनिक समाचार पत्र अमर उजाला की खबर के अनुसार गुरूवार को सिपाही के गांव के लोगों ने जमकर हंगामा काटा और आरोपी दारोगा के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की. सिपाही प्रवीण कुमार के शव को दोपहर दो बजे पोस्टमार्टम के लिए भेजे जाने के बाद कस्बे के अनुसूचित जाति के सैकड़ों लोगों ने चौकी को घेर लिया. हंगामा बढ़ा तो पुलिसकर्मी चौकी पर ताला डालकर भाग गए. बाद में अधिकारी फोर्स के साथ आए और ग्रामीणों को लाठी फटकार कर खदेड़ा. कस्बे में पीएसी तैनात कर दी गई है. दारोगा अनुसूचित जाति का बताया जा रहा है.
दो गोलीं की आवाज आई, मिली एक
हंगामा करते हुए कहा कि दरोगा भगवत सिंह और सिपाही प्रवीण कुमार के बीच रिश्वत के रुपयों को लेकर विवाद चल रहा था. इसी कारण दरोगा ने सिपाही को गोली मार दी. उन्हें दो गोलियां चलने की आवाज आई थी, जबकि प्रवीण के सिर में एक गोली लगने की बात पुलिस कह रही है. इससे भी मामला संदिग्ध लग रहा है. हंगामा बढ़ता देखकर पुलिसकर्मी चौकी पर ताला लगाकर भाग गए. बाद में सूचना पर सीओ बागपत ओमपाल सिंह, थाना रमाला, छपरौली, दोघट की पुलिस फोर्स के साथ पहुंचे और लोगों को समझाया. लोग नहीं माने, तो पुलिस ने भीड़ को लाठियां फटकार कर दौड़ाया. सीओ ने बताया कि सुरक्षा की दृष्टि से कस्बे में पीएसी तैनात कर दी है। हंगामा करने वालों की वीडियोग्राफी कराई गई है. उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल
प्रवीण के भाई शौविंद्र सिंह ने बताया कि बुधवार शाम करीब सात बजे प्रवीण से वीडियो कॉल पर बात हुई थी. पूरे परिवार ने उससे आधा घंटे तक बात की थी. उसे कोई परेशानी नहीं थी. उसने पिता राजेंद्र से कहा था कि भाई व दोनों बहनों को अच्छे से पढ़ाकर अफसर बनाना है. पिता राजेंद्र ने बताया कि उन्होंने मजदूरी कर प्रवीण को पढ़ाया. 2016 में अमरोहा से वह पुलिस में भर्ती हुआ था. छोटा भाई शौविंद्र बीटीसी तृतीय वर्ष का छात्र है. छोटी बहन शिवानी और सलोनी कक्षा आठ में पढ़ती हैं. प्रवीण अविवाहित था. प्रवीण की मां जगवंती का भी रो-रोकर बुरा हाल था. परिजनों ने भी दरोगा पर हत्या का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की.
एसपी ने कहा कराएंगे जांच
वहीं इस मामले पर एसपी प्रताप गोपेंद्र यादव ने बताया कि प्रवीण कई माह से बीमार था. उसके पथरी की समस्या थी. डेढ़ माह पहले ही उसने ऑपरेशन कराया था. दो अक्तूबर को वह 24 दिन की छुट्टी काटकर लौटा था. इससे पहले वह निरपुड़ा प्रधान की सुरक्षा में तैनात था. दो दिन पहले उसे खून की उल्टी हुई थी. उसने चौकी इंचार्ज से कहा था कि लगता है कि टीबी हो गई है. गुरुवार को दरोगा उसे अस्पताल ले जाने वाले थे, इससे पहले ही उसने आत्महत्या कर ली. परिजन या ग्रामीण जो आरोप लगा रहे हैं, उनकी भी जांच कराई जाएगी.
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