जब आती थी दिवाली, तो बंदूक के लिए थे रोते, आज बंदूक है, पर हम घर नहीं होते’, भावुक कर देगी यूपी पुलिस के इंस्पेक्टर की कविता

दीवाली जैसा त्योहार हो तो हर कोई अपने घर जाने की सोचता है, ताकि अपने घरवालों के साथ एन्जॉय कर सकें। ऐसे में पुलिस एक ऐसा विभाग है, जिसमे पुलिसकर्मी बिना त्योहार मनाए ड्यूटी पर मुस्तैद रहते हैं। दरअसल, इसी फीलिंग को बागपत के एक इंस्पेक्टर ने अपने फेसबुक पर एक पोस्ट के जरिए शेयर किया है। अपनी पोस्ट में उन्होंने चार पंक्तियों लिखीं हैं, जिसमे बताया गया है कि कैसे पुलिसकर्मी लोगों की सुरक्षा के लिए अपने त्योहारों की कुर्बानी देते हैं।


किया ये पोस्ट

जानकारी के मुताबिक, बड़ौत कोतवाली के इंचार्ज अजय शर्मा ने फेसबुक पर लिखा है- ‘जब आती थी दिवाली, तो बंदूक के लिए थे रोते। आज बंदूक है हाथों में पर दिवाली पर हम घर नहीं होते।’ इंस्‍पेक्‍टर ने भले ही कम शब्‍दों में अपनी भावनाएं जाहिर की हों पर इसका अर्थ व्‍यापक है। अधिकतर पुलिसवालों के मन में यही पीड़ा है जिन्‍हें मन में लेकर वह त्‍योहारों के दिन नौकरी करने पर मजबूर होते हैं।


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सीएम कर चुके हैं सम्मानित

बता दें कि दें कि इंस्पेक्टर अजय शर्मा क्राइम कंट्रोल में माहिर माने जाते हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उन्‍हें सम्मानित कर चुके हैं। अपराधियों में जिस पुलिस अफसर का खौफ रहता है, जिम्‍मेदारियों को निभाते-निभाते इस दीपावली पर उसका भी दिल भर आया। उनके द्वारा पोस्ट की गई लाइन पढ़ कर सब भावुक होकर कमेंट कर रहे हैं।


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