बहराइच (Bahraich) के कतर्निया घाट वन्य जीव क्षेत्र (Katarnia wildlife Area) के अंतर्गत आने वाले बिछिया बाजार में वन भूमि पर कथित अतिक्रमण को लेकर वन विभाग और स्थानीय निवासियों के बीच टकराव की स्थिति बन गई है। विभाग ने 185 परिवारों को नोटिस जारी करते हुए आरोप लगाया है कि वे संरक्षित वन क्षेत्र में अवैध रूप से रह रहे हैं। इस नोटिस में एक मस्जिद के निर्माण को भी शामिल किया गया है। जिसका नाम नूरी मस्जिद है। विभाग ने यह कार्रवाई वन अधिनियम की धारा 61बी के तहत की है और प्रभावित परिवारों से जवाब मांगा गया है।
स्थानीय निवासी का दावा
स्थानीय निवूर्य कुमार गुप्ता ने बताया कि उनके पूर्वज कई दशकों से इस क्षेत्र में रह रहे हैं। उनका कहना है कि 2006-07 में केंद्र सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार जो लोग लंबे समय से वन भूमि पर रह रहे हैं, उन्हें वहां के मालिकाना हक दिए जाने का प्रावधान है। इस अधिसूचना के आधार पर उन्होंने अपने दस्तावेज तहसील में जमा कर दिए हैं, जहां मामले की सुनवाई जारी है।
वन विभाग ने दी चेतावनी
इस मामले में प्रभागीय वनाधिकारी बी शिव शंकर ने स्पष्ट किया कि जिन लोगों के पास वैध दस्तावेज नहीं होंगे, उनके खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि संरक्षित वन क्षेत्र में अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
ग्रामीणों ने जताई आपत्ति
वन विभाग की इस कार्रवाई से नाराज बड़ी संख्या में ग्रामीण जिला मुख्यालय पहुंचे और विभागीय कार्यालय में विरोध दर्ज कराया। ग्रामीणों ने मांग की है कि उन्हें न्याय मिले और बिना वैध प्रक्रिया के उन्हें वहां से न हटाया जाए।
सुनवाई का इंतजार
यह मामला अब प्रशासन और न्यायिक प्रक्रिया के बीच उलझ गया है। दोनों पक्ष अपनी-अपनी दलीलें रख रहे हैं। जहां एक ओर वन विभाग अपने कानून और नियमों का हवाला दे रहा है, वहीं ग्रामीण अपने पुश्तैनी अधिकारों की बात कर रहे हैं। अब देखना यह है कि तहसील में चल रही सुनवाई में क्या निर्णय आता है और यह विवाद किस दिशा में आगे बढ़ता है।