उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में कोटे की दुकान के आवंटन को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा बुलाई गई बैठक में एक शख्स की गोली मारकर हत्या करने के मामले में बवाल बचा हुआ है। इस बीच शनिवार को बैरिया से बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह फरार मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह के परिजनों से मिलने जिला अस्पताल पहुंचे। परिजनों की पीड़ा देख बीजेपी विधायक फूट-फूटकर रोने लगे। उन्होंने कहा कि इंसाफ की लड़ाई में हम बिल्कुल अकेले हैं।
विधायक सुरेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार के अधिकारी हम लोगों की बात का भरोसा नहीं कर रहे है। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सचिव, डीआईजी, कमिश्नर मुझ पर आरोपी धीरेन्द्र सिंह को सरेंडर कराने के लिए दबाव बना रहे है। विधायक ने कहा सरकार भरोसा नहीं कर रही है क्योंकि उच्च अधिकारी सरकार को गलत रिपोर्टिंग कर रहे है।
इससे पहले बैरिया से बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह ने कहा कि आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह उनका सहयोगी रहा है। उन्होंने कहा कि मैं झूठ नहीं बोलता। धीरेंद्र सिंह बीजेपी का सहयोगी रहा है। उन्होंने गोलीकांड को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। बीजेपी विधायक ने कहा, ‘आप लोग उसे (धीरेंद्र सिंह) आरोपी बता रहे हैं। उसके पिता को उन्होंने डंडे से मारा। किसी के पिता, किसी की माता, किसी की भाभी और किसी की बहू को लाठी, डंडे और रॉड से मारकर 6 महिला और 2 पुरुषों को घायल किया है। इस पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। यह असाधारण घटना है।’
ये है पूरा मामला
जिले के रेवती थाना क्षेत्र के दुर्जनपुर गांव के पंचायत भवन में गुरुवार को टेंट लगाकर हनुमानगंज और दुर्जनपुर की कोटे की दुकानों के चयन के लिए दोपहर बाद लगभग साढ़े तीन बजे खुली बैठक की जा रही थी। इसमें चार महिला समूहों ने आवेदन किया था। दुर्जनपुर की दुकान के लिए मां शायर जगदंबा और शिव शक्ति स्वयं सहायता समूह के बीच मतदान की नौबत आ गई।
इस पर एसडीएम सुरेश कुमार पाल, सीओ चंद्रकेश सिंह और एसओ प्रवीण कुमार सिंह ने व्यवस्था बनाई कि जिसके पास आधार कार्ड अथवा अन्य कोई पहचान पत्र होगा, वही वोट कर पाएगा। एक पक्ष के लोग आधार कार्ड लेकर आए थे। दूसरे पक्ष के लोगों के पास पहचान पत्र नहीं था।
इसी बात पर हंगामा हो गया। स्थिति बिगड़ते देख बीडीओ बैरिया गजेंद्र प्रताप सिंह ने बैठक की कार्यवाही स्थगित कर दी। इसके बाद दोनों पक्षों में तनातनी शुरू हो गई। प्रशासन के विरोध में नारेबाजी हुई। देखते ही देखते ईंट-पत्थर चलने लगे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, इस दौरान धीरेंद्र ने फायरिंग कर दी। इसमें दुर्जनपुर निवासी जयप्रकाश पाल(45) को चार गोलियां लगीं। लोगों ने जयप्रकाश को सीएचसी सोनबरसा पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।
इसके अलावा ईंट पत्थर और लाठी-डंडों से नरेंद्र सिंह(45), आराधना सिंह(45), आशा सिंह(40), राजेंद्र सिंह(45), अजय सिंह(50) और धर्मेंद्र सिंह(40) गंभीर रूप से घायल हो गए। एसडीएम, सीओ के अलावा मौके पर मौजूद 11 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। इस मामले में धीरेंद्र समेत आठ नामजद और 25 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।
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