‘अगर बाबरी मस्जिद जैसा हमारे साथ हुआ तो मुसलमान खामोश नहीं बैठेगा’, ज्ञानवापी पर मौलाना का भड़काऊ बयान

ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे और विडियोग्राफी (Gyanvapi Masjid Survey and Videography) पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट के इनकार के बाद वाराणसी में तैयारी शुरू हो गई है. सिविल जज (सीनियर डिविजन) अदालत के आदेश पर आज से दोबारा सर्वे शुरू होगा. विवादों से घिरे इस मामले पर भड़काऊ बयानबाजी कम होने का नाम नहीं ले रही है. ज्ञानवापी मामले में दरगाह आला हजरत (Bareilly Dargah Ala Hazrat) के प्रचारक मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी (Maulana Shahabuddin Rizvi) का विवादित बयान सामने आ रहा है. मौलाना के मुताबिक फिरका परस्त ताकते इस मुद्दे को हवा दे रही हैं, हमने बाबरी मस्जिद को खोया, अगर बाबरी मस्जिद की तरह हमला किया गया तो मुसलमान खामोश नहीं बैठेगा, मुसलमान इसके लिए आंदोलन करने के लिए मजबूर होगा.

बता दें कि हाई कोर्ट ने अपने आदेश में काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का निरीक्षण करने के लिए एक वकील को कोर्ट कमिश्नर के रूप में नियुक्त करने के वाराणसी कोर्ट के 8 अप्रैल के आदेश को चुनौती देने वाली मस्जिद समिति की याचिका को खारिज कर दिया था. हाई कोर्ट ने सिविल कोर्ट के उस आदेश के खिलाफ याचिका को भी खारिज कर दिया था जिसमें उसने वाराणसी के विश्वेश्वर नाथ महादेव मंदिर में देवताओं की पूजा में हस्तक्षेप को रोक दिया था.

गुरुवार को वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया. कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे के लिए नियुक्त किए गए एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा को हटाए जाने से इनकार कर दिया. अदालत ने कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्रा के अलावा विशाल कुमार सिंह और अजय सिंह को भी कोर्ट कमिश्नर बनाया है. यह दोनों लोग या दोनों में से कोई एक इस सर्वे के दौरान मौजूद रहेगा. साथ ही कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे 17 मई से पहले कराने का आदेश दिया है. कोर्ट ने 17 मई को सर्वे की अगली रिपोर्ट देने के लिए कहा है.

31 सालों से कोर्ट में चल रहा है मामला
दरअसल, ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर 1991 में मामला दर्ज हुआ. मस्जिद को लेकर काशी विश्वनाथ मंदिर के पुरोहितों के वंशजों ने सिविल कोर्ट में याचिका दायर की थी. जिस पर सुनवाई हुई. याचिका में कहा गया कि 1669 में मुगल शासक औरंगजेब ने यहां मंदिर तोड़कर मस्जिद बना दिया था. जहां मंदिर के साक्ष्य अभी भी मौजूद हैं. अब कोर्ट का फैसला आने के बावजूद इस मामले में बयानबाजी दोनों थमने का नाम नहीं ले रही है.

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