लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Elections 2024) से पहले ही विपक्षी गठबंधन आईएनडीआईए को एक और बड़ा झटका लगना तय है। राष्ट्रीय लोकदल (RLD) के चीफ चौधरी जयंत सिंह न सिर्फ बीजेपी के संपर्क में हैं, बल्कि 3 सीटों पर सहमति होने का भी दावा किया जा रहा है। आरएलडी ने बीजेपी से कैराना, अमरोहा, बागपत, मथुरा और मुजफ्फरनगर सीट की मांगी थी। वहीं, बीजेपी तीन सीटें कैराना, अमरोहा और बागपत तैयार है, जबकि मथुरा और मुजफ्फरनगर सीट पर पेंच फसा है। यही नहीं, एनडीए गठबंधन में मंत्री पद भी मिलने की संभावना है।
समाजवादी पार्टी से बिगड़ी बात
दरअसल, बीजेपी पश्चिमी यूपी में मुस्लिम बहुल सीटों के लिए आरएलडी को साधना चाहती है। सपा चीफ अखिलेश यादव आरएलडी से गठबंधन का ऐलान कर चुके हैं। हालांकि, सीटें चिन्हित करने और सपा की ओर से तीन सीटों पर आरएलडी के चुनाव निशान पर अपने उम्मीदवार खड़ा करने की शर्त को लेकर पेंच फंस गया। सपा चाहती है कि कैराना, मुजफ्फरनगर व बिजनौर में उनका उम्मीदवार हो, जो आरएलडी के चुनाव चिह्न पर मैदान में उतरे।
सपा के समक्ष मुजफ्फरनगर सीट पर आरएलडी ने दावा किया था, जहां बीते चुनाव में दिवंगत अजीत सिंह सिर्फ 6000 वोटों से हार गए थे। रालोद नेताओं ने कैराना और बिजनौर सीट सपा के बताए प्रत्याशियों को देने पर सहमति भी दे दी थी। लेकिन मुजफ्फरनगर और हाथरस सीट को लेकर दोनों दलों के बीच दूरियां बन गई।
इसी दौरान चर्चा शुरू हो गई कि रालोद अध्यक्ष की भाजपा से गठबंधन की बात हुई है। हालांकि, बातचीत की पुष्टि नहीं हुई, लेकिन सियासी गलियों में सबने अपने-अपने समीकरण लगाने शुरू कर दिए। रालोद नेतृत्व ने अभी तक न तो इंकार किया और न ही इकरार, जिस कारण चर्चाओं ने दिनभर तेजी पकड़ी।
पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न की भी मांग
सियासी गलियारों में इस बात की भी चर्चा है कि आरएलडी मथुरा, बागपत, बिजनौर समेत चार सीटों पर सहमति देने के लिए तैयार है। लेकिन साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिए जाने की मांग भी रखी जा रही है। साथ ही आरएलडी प्रदेश सरकार में हिस्सेदारी भी चाहती है। हालांकि, आरएलडी के प्रदेश अध्यक्ष रामाशीष राय का कहना है कि आरएलडी के एनडीए में जाने की बात अफवाह है। आरएलडी पूरी दृढ़ता के साथ आईएनडीआईए गठबंधन का हिस्सा है।
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