समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के कद्दावर नेता और रामपुर के विधायक आजम खान (MLA Azam Khan) की विधानसभा सदस्यता रद्द (Assembly Membership Canceled) कर दी गई है। इसे सपा के लिए बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है। जनप्रतिनिधित्व अधिनियम कहता है कि दो साल या उससे अधिक की सजा पाने वाले किसी भी व्यक्ति को अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा और समय की सेवा के बाद छह साल के लिए अयोग्य माना जाएगा। रामपुर विधानसभा सीट जहां से आजम खान विधायक थे वह अब खाली घोषित की जाएगी।
हेट स्पीच मामले में तीन साल की सजा
यूपी विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने सपा के मोहम्मद आजम खान को सदन के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया है। आजम खान को साल 2019 के हेट स्पीच मामले में गुरुवार को रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने दोषी करार दिया था। उन्हें तीन साल की सजा सुनाई गई थी।
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अध्यक्ष महाना ने अदालत के आदेश प्राप्त करने के बाद घोषणा की, जिसने आजम खान को घृणास्पद भाषण मामले में दोषी ठहराया था और गुरुवार को तीन साल की कैद की सजा सुनाई थी। दसवीं बार के विधायक और संसद के दोनों सदनों के सदस्य रह चुके आजम खान का लंबा राजनीतिक अनुभव समाजवादी पार्टी के लिए मायने रखता है।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष से लेकर संसदीय कार्य मंत्री के दायित्व को बखूबी निभाने वाले आजम अठारहवीं विधान सभा में भी मुख्य विपक्षी दल सपा के मजबूत स्तंभ माने जा रहे थे। अपनी तकरीरों, दलीलों और व्यंग्यबाणों से वह सदन में सत्ता पक्ष के कवच को भेदने की कूवत रखते थे। यह बात और है कि अठारहवीं विधान सभा के गुजरे सात माह के दौरान आजम एक दिन भी सदन में नहीं बैठे।