उत्तर प्रदेश पुलिस (Uttar Pradesh Police) ने अपने इतिहास की सबसे बड़ी भर्ती प्रक्रिया के तहत 60,244 नव नियुक्त सिपाहियों की ट्रेनिंग शुक्रवार से शुरू कर दी है। इस कदम से प्रदेश के हर थाने में औसतन 25 नए सिपाही जुड़ेंगे, जिससे पुलिस बल की क्षमता में बड़ा इजाफा होगा।
साइबर क्राइम और एआई
नए सिपाहियों को पारंपरिक पुलिसिंग के साथ-साथ साइबर क्राइम और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी आधुनिक तकनीकों में भी दक्ष बनाया जाएगा। डीजीपी राजीव कृष्ण ने इस ट्रेनिंग को पुलिसिंग में ‘गेम चेंजर’ बताया है।
प्रशिक्षण की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान
डीजीपी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पुलिस आयुक्तों, कप्तानों, डीआईजी और आईजी के साथ समीक्षा बैठक कर यह सुनिश्चित किया कि प्रशिक्षण के दौरान किसी भी स्तर पर कोई कमी न रहे। उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण यूपी पुलिस में पेशेवर दृष्टिकोण की शुरुआत करेगा।
सोशल मीडिया नीति की जानकारी अनिवार्य
सभी रिक्रूट्स को सोशल मीडिया की नीति से अवगत कराया जाएगा और इसकी प्रति भी दी जाएगी। साथ ही संबंधित वीडियो क्लिप्स दिखाकर जागरूक किया जाएगा, जिससे वे ऑनलाइन आचरण में सतर्क रहें।
अधिकारियों को भी पेश करना होगा उदाहरण
डीजीपी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे खुद भी अनुशासित, वर्दी में चुस्त-दुरुस्त रहें और अच्छा आचरण दिखाएं, ताकि नए सिपाही उनसे सीख सकें।
महिला सिपाहियों की सुरक्षा प्राथमिकता
महिला प्रशिक्षण केंद्रों पर सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के अनुसार विशाखा कमेटी का गठन अनिवार्य किया गया है। साथ ही सीसीटीवी कैमरे, सुरक्षा उपाय और नियमित महिला अफसरों की निगरानी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
लंबी सेवा के लिए तैयार होंगे सिपाही
डीजीपी ने कहा कि ये सिपाही अगले 30–40 वर्षों तक पुलिस बल की रीढ़ बनेंगे, इसलिए उनकी ट्रेनिंग में किसी तरह की चूक नहीं होनी चाहिए। यह मौका यूपी पुलिस को एक नई दिशा देने का अवसर है।