आगरा धर्मांतरण कांड में बड़ा खुलासा , जन्नत का लालच, ब्रेनवॉश की साजिश, 10 में से 6 आरोपी पहले थे हिंदू

Agra Religious Conversions Case:आगरा (Agra) में पकड़े गए धर्मांतरण गैंग (Religious Conversion Gang) के 10 आरोपियों को 10 दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड पर भेजा गया है। पुलिस, एसटीएफ, एसटीए और खुफिया एजेंसियों की टीम मिलकर इनसे गहन पूछताछ कर रही है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि गैंग के छह आरोपी पहले हिंदू थे, जिन्हें कथित रूप से ब्रेनवॉश करके मुस्लिम धर्म में परिवर्तित कराया गया और फिर धर्मांतरण के मिशन में शामिल किया गया।

ब्रेनवॉश का लालच

पूछताछ में खुलासा हुआ है कि इन आरोपियों को जन्नत का लालच देकर ब्रेनवॉश किया गया और उन्हें यह सिखाया गया कि धर्मांतरण का काम रुकना नहीं चाहिए। गैंग इस काम को ‘रिश्ते जोड़ना’ कहता था। ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस मिशन से जोड़ने के लिए सोशल मीडिया को एक बड़ा प्लेटफॉर्म बनाया गया। आरोपियों का नेटवर्क देशभर में फैला हुआ था और वे बेहद संगठित तरीके से काम कर रहे थे।

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पहचान बदल कर मिशन में शामिल हुए आरोपी

पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों में कई की असली पहचान सामने आ चुकी है। गोवा की आयशा पहले एसबी कृष्णा थी, कोलकाता का अली हसन पहले शेखर राय, देहरादून का अबु रहमान रूपेंद्र बघेल, जयपुर का मोहम्मद अली पीयूष सिंह पंवार, दिल्ली का मुस्तफा मनोज और कोलकाता का इब्राहिम पहले रीत बानिक था। ये सभी नाम और पहचान बदलकर रिवर्ट गैंग का हिस्सा बने।

कोलकाता बना धर्मांतरण का ‘सुरक्षित ठिकाना’

आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वे धर्मांतरण के लिए खासतौर पर युवतियों को निशाना बनाते थे, जिन्हें लव जिहाद के जाल में फंसाया जाता था। हालांकि, उनके बालिग होने का इंतजार किया जाता था और फिर उन्हें कोलकाता बुलाया जाता था। कोलकाता को वे सबसे सुरक्षित स्थान मानते थे क्योंकि उनका मानना था कि वहां पुलिस धर्मांतरण के मामलों को गंभीरता से नहीं लेती।

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नए पहचान पत्र बनाकर वोटिंग में दिलवाया हिस्सा

धर्मांतरण के बाद गैंग द्वारा पीड़ितों के लिए वोटर आईडी और आधार कार्ड जैसी सरकारी पहचान पत्र भी बनवाए जाते थे ताकि वे सामाजिक रूप से पूरी तरह से नये धर्म में समाहित हो सकें। पुलिस ने यह भी खुलासा किया कि अबु रहमान तीसरा निकाह करने की तैयारी में था और उसने एक युवती मरियम को पहले से ही फंसा रखा था। यह मामला अब गहराई से जांच के दायरे में है।

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