भाजपा नेता और सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गाँधी से पांच सवाल पूछे हैं. उपाध्याय ने कांग्रेस अध्यक्ष से देश में अवैध तरीके से रह रहे रोहिंग्या- बांग्लादेशियों को बाहर भेजने से लेकर अलगाववाद और तुष्टीकरण के मुद्दे पर उनकी राय स्पष्ट करने को कहा है.
गुरुवार को अश्विनी उपाध्याय राहुल गाँधी को टैग करते हुए ट्विटर पर लिखा “@RahulGandhi जी, बटला हाउस एनकाउंटर को आप सच मानते हैं या झूठ? क्या इस एनकाउंटर के बाद सोनिया जी सच में रोई थी? रोहिंग्या-बांग्लादेशियों को वापस भेजना चाहिए या नहीं? डॉक्टर नारंग और अंकित सक्सेना के घर आप क्यों नहीं गए थे? आपकी नजर में जाकिर नाईक अलगाववादी है या मजहबी मौलाना?”
बता दें कि साल 2012 में आजमगढ़ की एक चुनावी रैली के दौरान तत्कालीन केन्द्रीय क़ानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने बाटला हाउस एनकांउटर पर पर्दा उठाते हुए कहा था कि बाटला हाउस एनकाउंटर की तस्वीरें देखकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी रो पड़ी थी. खुर्शीद ने कहा कि कांग्रेसी कार्यकर्ता के नाते उन्होंने सोनिया गांधी को बाटला हाउस एनकाउंटर की तस्वीरें दिखाई थी. और उन्होंने ही कहा कि इस एनकांउटर की जांच होनी चाहिए और इसके लिए उन्होंने पीएम से बात करने की सलाह दी थी. हालंकि कांग्रेस इसके बाद सलमान खुर्शीद के बयान से किनारा करती आई है.
देश में अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या-बांग्लादेशियों की बात हो एनारसी मुद्दे पर मोदी सरकार के रुख का कांग्रेस ने अभी तक विरोध ही किया है, वहीं भाजपा खुलकर इन दोनों मुद्दों पर मुखर ही दिखाई दी है. दिल्ली के चर्चित हत्याकांड अंकित सक्सेना और डॉक्टर नारंग की मौत पर राहुल गाँधी ने चुप्पी साध ली थी. नारंग की हत्या के पीछे अवैध तरीके से रह रहे बांग्लादेशियों का नाम सामने आया था, हालांकि राहुल राजधानी दिल्ली से सटे दादरी के बिसहड़ा गांव में गोमांस खाने की अफवाह को लेकर मारे गए अखलाक के परिवार से मिलने गए थे और इस मुद्दे को जोरशोर से पूरे देश में उठाया था.
जाकिर नाईक के साथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह की नजदीकियां किसी से छिपी नहीं हैं. कांग्रेस नेता जाकिर को शांतिदूत बताते आये हैं. जाकिर के साथ कांग्रेस नेता की कई तस्वीरें भी वायरल वायरल हो चुकी हैं. हालांकि जाकिर नाईक की सच्चाई सामने आने के बाद से कांग्रेस इस मुद्दे पर बोलने से बचती आई है.
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