समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक विवादास्पद बयान दिया, जिसमें उन्होंने कन्नौज में भाजपा द्वारा बनाई जा रही गौशालाओं और अपने इत्र पार्क को लेकर तंज कसा। उन्होंने कहा, “भाजपा वाले दुर्गंध पसंद करते हैं, इसलिए वे गौशाला बना रहे हैं। हम सुगंध पसंद करते थे, इसलिए इत्र पार्क बना रहे थे।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि गौशालाओं के निर्माण में जो पैसा आ रहा है, वह भी भाजपा के लोग खा रहे हैं, और सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि वे सांड पकड़ रहे हैं या नहीं।
भाजपा का पलटवार
अखिलेश के इस बयान के बाद भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें सनातन विरोधी करार दिया है। भाजपा सांसद रवि किशन ने कहा, “गाय हमारी माता है और गोबर उतना ही पवित्र है। ऐसे आपत्तिजनक बयान देना ठीक नहीं है।” उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के बयान देश की संस्कृति और आस्था का अपमान हैं।
भाजपा सांसद दिनेश शर्मा का बयान
भाजपा के राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा ने अखिलेश यादव के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “इत्र पार्क बनाने के साथ-साथ इत्र का घोटाला भी हो चुका है। अब, गौशाला में दुर्गंध और सुगंध क्यों तलाश रहे हैं? गौशाला में सनातन की आस्था को सम्मानित किया जाना चाहिए। गाय हमारी मां है और मां पर टिप्पणी नहीं की जाती।”
संबित पात्रा का आरोप
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने अखिलेश यादव के बयान पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “यह स्पष्ट है कि अखिलेश यादव और उनकी पार्टी सनातन के खिलाफ हैं। वे बार-बार सनातन धर्म का विरोध करते हैं। यदि कोई हिंदुस्तान में रहकर सनातन का विरोध करता है, तो उसे इस देश में राजनीति करने का कोई हक नहीं है।”
इत्र घोटाले पर भाजपा का आरोप
भाजपा ने इत्र घोटाले का भी जिक्र करते हुए अखिलेश यादव की पार्टी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। भाजपा के नेताओं का कहना था कि इत्र पार्क बनाना और उसमें भ्रष्टाचार की बातें करना, दोनों ही समाजवादी पार्टी की नीयत को संदिग्ध बनाते हैं।
बयान और प्रतिक्रिया के बीच राजनीति गर्माई
अखिलेश यादव के गौशाला और इत्र पार्क पर दिए गए बयान के बाद राजनीति में एक नया विवाद खड़ा हो गया है। भाजपा नेताओं ने इसे सनातन धर्म का अपमान करार दिया है, जबकि समाजवादी पार्टी का कहना है कि यह सिर्फ एक राजनीतिक बयानबाजी थी। इस पूरे घटनाक्रम में यह साफ है कि आगामी चुनावों में धार्मिक और सांस्कृतिक मुद्दे एक बार फिर प्रमुख विषय बन सकते हैं।