BJP President: भाजपा अध्यक्ष की रेस में शिवराज, खट्टर और धर्मेंद्र प्रधान सबसे आगे, जेपी नड्डा के बाद कौन संभालेगा पार्टी की कमान?

जेपी नड्डा के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष का नाम 15 मार्च तक तय हो सकता है। पार्टी के संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनने से पहले आधे राज्यों में संगठन चुनाव संपन्न होना जरूरी है। कुल 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में से 12 में ये चुनाव पहले ही पूरे हो चुके हैं, लेकिन अब भी छह राज्यों में प्रक्रिया बाकी है।सूत्रों के मुताबिक, अगले दो हफ्तों में इन राज्यों में चुनाव संपन्न होने की संभावना है। इसके बाद बीजेपी हाईकमान राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम पर निर्णय लेगा। फिलहाल पार्टी तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, असम और गुजरात में संगठनात्मक चुनावों पर ध्यान केंद्रित कर रही है। खास बात यह है कि इन सभी राज्यों में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं।

रेस में कौन कौन?

भारतीय जनता पार्टी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए कुछ प्रमुख नेताओं के नाम चर्चा में हैं। इनमें केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ,महाराष्ट्र के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े,कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी, और उपभोक्ता मंत्री प्रह्लाद जोशी का नाम शामिल हैं।

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जेपी नड्डा के कार्यकाल का विस्तार और लंबे समय से पेंडिंग चुनाव

जेपी नड्डा ने साल 2019 में पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में पदभार संभाला था और जनवरी 2020 में उन्हें सर्वसम्मति से राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया। लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए उनका कार्यकाल जून 2024 तक बढ़ा दिया गया था।हालांकि, अब उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने के बाद, बीजेपी उनके उत्तराधिकारी को चुनने की प्रक्रिया में है। लेकिन यह प्रक्रिया अब तक धीमी रही है। अब पार्टी हाईकमान जल्द ही नए अध्यक्ष पर अंतिम फैसला ले सकता है।

पीयूष गोयल की अगुवाई में नामांकन प्रक्रिया

सूत्रों के मुताबिक, यूपी बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष के नामांकन की प्रक्रिया पीयूष गोयल की देखरेख में संपन्न होगी। गोयल को इस महत्वपूर्ण कार्य के लिए जिम्मेदारी सौंपी गई है, और उम्मीद है कि नामांकन के एक दिन बाद ही नया प्रदेश अध्यक्ष घोषित किया जा सकता है।

चुनाव में देरी के कारण

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने स्पष्ट किया कि संगठन चुनाव में कोई समस्या नहीं है, बल्कि कुछ समय के लिए प्रक्रिया धीमी हुई थी। दिल्ली विधानसभा चुनाव और महाकुंभ के कारण संगठन चुनावों में देरी आई थी। अब माना जा रहा है कि इन घटनाओं के बाद चुनाव प्रक्रिया में गति आ सकती है।

बीजेपी का 2027 और 2029 चुनावों के लिए रणनीतिक लक्ष्य

बीजेपी आगामी चुनावों के लिए यूपी में एक मजबूत नेता की तलाश में है, जो पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी की आक्रामकता और केशव प्रसाद मौर्य की नेतृत्व क्षमता का मेल हो। पार्टी ऐसे नेता को यूपी बीजेपी की कमान सौंपना चाहती है, जो पार्टी नेतृत्व और सरकार के साथ बेहतर तालमेल बनाए रखे और कार्यकर्ताओं में जोश भरने का काम करे। यह कदम इसलिए उठाया जा रहा है क्योंकि यूपी विधानसभा चुनाव आगामी वर्षों में होने हैं।बीजेपी का लक्ष्य सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में तीसरी बार यूपी की सत्ता पर काबिज होना है। इसके साथ ही पार्टी यह भी जानती है कि दिल्ली का रास्ता यूपी से होकर जाता है। अगर यूपी में सबसे ज्यादा विधानसभा सीटें जीतकर सरकार बनाई जाती है, तो 2029 के लोकसभा चुनाव में भी पार्टी बड़ी सफलता प्राप्त कर सकती है।

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