UP: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के झांसी (Jhansi) में केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (CGST) विभाग में चल रहे बड़े स्तर के रिश्वतखोरी रैकेट का CBI ने पर्दाफाश किया है। इस मामले में GST चोरी के मामलों में निजी कंपनियों को लाभ पहुंचाने के एवज में 1.5 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगने के आरोप में एक IRS अधिकारी, दो सुपरिंटेंडेंट, एक वकील और एक कारोबारी को गिरफ्तार किया गया है।
जाल बिछाकर की गई कार्रवाई
CBI ने 30 दिसंबर 2025 को इस मामले में केस दर्ज किया था। जांच में पता चला कि झांसी के CGST कार्यालय में तैनात अधिकारी GST चोरी से जुड़े मामलों में निजी फर्मों को फायदा पहुंचाने के बदले भारी रकम की मांग कर रहे थे। शिकायत की पुष्टि के बाद एजेंसी ने जाल बिछाया और 31 दिसंबर को बड़ी कार्रवाई करते हुए सभी आरोपियों को पकड़ लिया।
IRS अधिकारी के निर्देश पर रिश्वत की डील
जांच में यह सामने आया कि पूरी रिश्वत डील CGST झांसी में तैनात डिप्टी कमिश्नर प्रभा भंडारी (IRS-C&IT 2016) के निर्देशन में चल रही थी। उनके इशारे पर सुपरिंटेंडेंट अनिल तिवारी और अजय कुमार शर्मा ने 70 लाख की रिश्वत ली, जिसे CBI ने रंगे हाथ पकड़ा। इसके बाद डिप्टी कमिश्नर समेत अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया।
वकील और कारोबारी भी शामिल
जांच में यह भी खुलासा हुआ कि इस रैकेट में एक निजी वकील और कारोबारी ने भी अहम भूमिका निभाई। CBI ने नरेश कुमार गुप्ता (अधिवक्ता) और राजू मंगतानी (एम/एस जय दुर्गा हार्डवेयर के मालिक) को गिरफ्तार किया। दोनों पर आरोप है कि उन्होंने रिश्वत की रकम जुटाने और अधिकारियों तक पहुंचाने में मध्यस्थ का काम किया।
Also Read:विकास भवन में खुलेआम रिश्वतखोरी, AE बैजनाथ सिंह का वीडियो वायरल
करोड़ों की संपत्ति बरामद
गिरफ्तारियों के बाद CBI ने आरोपियों के ठिकानों पर छापेमारी की। तलाशी अभियान में लगभग 90 लाख नकद, कई संपत्ति संबंधी दस्तावेज और बड़ी मात्रा में सोना, चांदी और आभूषण बरामद हुए। कुल जब्त राशि अब 1.60 करोड़ है। सभी आरोपियों को मेडिकल जांच के बाद अदालत में पेश किया जाएगा और मामले में अन्य सरकारी और निजी लोगों की भूमिका की जांच भी जारी है।


















































