‘बच्चे को जिंदा करो या दोषियों पर कार्रवाई…’, लखीमपुर खीरी में झोले में नवजात का शव लेकर DM ऑफिस पहुंचा बेबस पिता, लगाई गुहार

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के लखीमपुर खीरी (lakhimpur kheri) जिले से एक दर्दनाक घटना सामने आई है, जहां इलाज के अभाव में एक नवजात की मौत हो गई। बच्चे के पिता बिपिन गुप्ता ने आरोप लगाया कि अस्पताल प्रबंधन ने पैसे न होने के कारण इलाज से इनकार कर दिया। मजबूरी में उन्होंने अपने नवजात की लाश एक झोले में रखकर डीएम कार्यालय पहुंचकर न्याय की गुहार लगाई। पिता का कहना है कि या तो उसके बच्चे को जिंदा किया जाए या फिर दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो।

गोलदार हॉस्पिटल पर लगाए गंभीर आरोप

पीड़ित बिपिन गुप्ता ने बताया कि वह हरिद्वार में था, जब उसे सूचना मिली कि उसकी पत्नी की तबीयत बिगड़ गई है। उनके साढ़ू ने पत्नी को लखीमपुर के गोलदार अस्पताल में भर्ती कराया। बिपिन का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन ने साफ कहा कि अगर आपके पास पैसे हैं तभी इलाज होगा, नहीं तो किसी और अस्पताल चले जाइए। मजबूरी में इलाज शुरू करवाया, लेकिन जैसे-जैसे पत्नी की हालत बिगड़ती गई, वैसे-वैसे अस्पताल की डिमांड भी बढ़ती गई।

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पैसे न होने पर रोका इलाज, मासूम ने तोड़ा दम

बिपिन का कहना है कि जब उनके पास पैसे खत्म हो गए, तो अस्पताल ने इलाज रोक दिया। उनका नवजात बेटा गंभीर स्थिति में था, लेकिन समय पर इलाज न मिलने से उसकी मौत हो गई। पिता का दर्द कैमरे के सामने छलक पड़ा। उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी बार-बार बच्चे के बारे में पूछ रही है, लेकिन वह उसे क्या जवाब दें — उनका बच्चा अब इस दुनिया में नहीं है।

जांच में जुटा स्वास्थ्य विभाग

इस पूरे मामले में लखीमपुर खीरी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) संतोष गुप्ता ने बताया कि उन्हें शिकायत मिली है और जांच शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि यदि अस्पताल की लापरवाही पाई जाती है तो जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मामला बेहद गंभीर है और स्वास्थ्य विभाग इस पर पूरी नजर बनाए हुए है।

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