देश के सभी गरीब और निम्न आय वर्ग वाले परिवारों की हालत को लेकर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती (Mayawati) बेहद चिंतित हैं। उन्होंने शनिवार को ट्वीट के जरिए देश के उद्योगपतियों की निजी पूंजी में अभूतपूर्व वृद्धि होने के साथ ही महंगाई और गरीबी बढ़ने पर गहरी चिंता जताई है।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर कहा कि आजकल सरकारी कृपादृष्टि के कारण भारत के उद्योगपतियों की निजी पूंजी में अभूतपूर्व वृद्धि होने से अब विश्व के धन्नासेठों में उनकी गिनती है, लेकिन देश में करीब 130 करोड़ गरीब व निम्न आय परिवारों के जीवन में थोड़ा भी सुधार नहीं होना अति-चिन्ता की बात। सरकार इस खाई को कैसे पाटेगी?
2. भारतीय रुपये के मूल्य में अनवरत गिरावट चुभने वाला संवेदनशील मुद्दा है। देश के विदेशी मुद्रा भण्डार में भी लगातार कमी की खबरें अब लोगों को विचलित करने लगी हैं। ऐसे में भारतीय अर्थव्यवस्था को संभालने में यहाँ के उद्योगपतियों व धन्नासेठों की भूमिका क्या है, देश जानने को इच्छुक।
— Mayawati (@Mayawati) October 1, 2022
वहीं, एक अन्य ट्वीट कर मायावती ने कहा कि भारतीय रुपये के मूल्य में अनवरत गिरावट चुभने वाला संवेदनशील मुद्दा है। देश के विदेशी मुद्रा भण्डार में भी लगातार कमी की खबरें अब लोगों को विचलित करने लगी हैं। ऐसे में भारतीय अर्थव्यवस्था को संभालने में यहाँ के उद्योगपतियों व धन्नासेठों की भूमिका क्या है, देश जानने को इच्छुक है।
इससे पहले मायावती ने ट्वीट कर कहा था कि केन्द्र द्वारा पीपुल्स फ्रण्ट आफ इण्डिया (पीएफआई) पर देश भर में कई प्रकार से टारगेट करके अन्ततः अब विधानसभा चुनावों से पहले उसे उसके आठ सहयोगी संगठनों के साथ प्रतिबन्ध लगा दिया है, उसे राजनीतिक स्वार्थ व संघ तुष्टीकरण की नीति मानकर यहाँ लोगों में संतोष कम व बेचैनी ज्यादा है।
उन्होंने कहा कि यही कारण है कि विपक्षी पार्टियाँ सरकार की नीयत में खोट मानकर इस मुद्दे पर भी आक्रोशित व हमलावर हैं और आरएसएस पर भी बैन लगाने की माँग खुलेआम हो रही है कि अगर पीएफआई देश की आन्तरिक सुरक्षा के लिए खतरा है तो उस जैसी अन्य संगठनों पर भी बैन क्यों नहीं लगना चाहिए?
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