आजमगढ़ में दलित उत्पीड़न पर फूटा मायावती का गुस्सा, बोलीं- दोषी पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई और पीड़ितों की आर्थिक भरपाई करे सरकार

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती (Mayawati) ने आजमगढ़ (Azamgarh) जिले के पलिया गांव में पुलिस द्वारा दलितों पर कथित रूप से किए गए अत्याचार के मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। बसपा चीफ ने मंगलवार को ट्वीट करते हुए कहा कि आजमगढ़ पुलिस द्वारा पलिया गांव के दलितों को न्याय देने के बजाय उन पर ही अत्याचारियों के दबाव में आकर खुद भी जुल्द-ज्यादती करना व उन्हें आर्थिक नुकसान पहुंचाना अति-शर्मनाक है। सरकार इस घटना का शीघ्र संज्ञान लेकर दोषियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई व पीड़ितों की आर्थिक भरपाई करे।


मायावती ने एक अन्य ट्वीट में कि अत्याचारियों व पुलिस द्वारा भी दलितों के उत्पीड़न की इस ताजा घटना की गंभीरता को देखते हुए बीएसपी का एक प्रतिनिधिमण्डल श्री गया चरण दिनकर, पूर्व एमएलए के नेतृत्व में पीड़ितों से मिलने शीघ्र ही गाँव का दौरा करेगा। गौरतलब है कि रौनापार थाना क्षेत्र के पलिया गांव में 29 जून की शाम को गांव के ही एक डॉक्टर से कुछ लोगों का विवाद हो गया था। सूचना के बाद पुलिस के दो जवान मौके पर पहुंचे।


आरोप है कि पुलिस के जवान वहां पहुंचे तो गांव के ग्राम प्रधान एवं उनके समर्थकों ने पुलिस टीम पर हमला किया। इस हमले में दो पुलिसकर्मी घायल हुए, जिसमें से एक की हालत अब भी गंभीर है। पुलिस पर हमले के बाद देर रात पुलिस ने दलित बस्ती की घेराबंदी की। मुख्य आरोपी बताये जा रहे ग्राम प्रधान के मकान में तोड़फोड़ की एवं मकान को गिरा दिया।


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वहीं, परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने उनके घरों में लूटपाट भी की। पुलिस की कार्रवाई को देखकर ग्रामीण सहम गये और इसके बाद पुरुष एवं बच्चे घर छोड़कर भाग गये। दूसरे दिन पुलिस ने 11 नामजद एवं 135 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया।


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