मुस्लिम परिवारों को ‘सौगात-ए-मोदी’ पर सियासी तकरार, मायावती बोलीं- ये तो राजनीतिक स्वार्थ

मोदी सरकार द्वारा ईद के अवसर पर 32 लाख गरीब मुस्लिम परिवारों को ‘सौगात-ए-मोदी’ किट देने की घोषणा के बाद सियासी हलचल तेज हो गई है। इस मुद्दे पर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के बाद अब बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती (Mayawati) ने प्रतिक्रिया दी है।

मायावती ने बोला तीखा हमला

मायावती ने बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट कर भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि भाजपा द्वारा ईद, बैसाखी, गुड फ्राइडे और ईस्टर जैसे धार्मिक अवसरों पर 32 लाख गरीब अल्पसंख्यक परिवारों को ‘सौगात-ए-मोदी’ के रूप में प्रधानमंत्री का ‘प्रेम संदेश व भेंट’ देना केवल राजनीतिक स्वार्थ का कदम है।

बसपा प्रमुख ने कहा, ‘जब मुस्लिम और बहुजन समाज अपने जान-माल और मजहब की सुरक्षा को लेकर दुखी और चिंतित हैं, तब इस तरह के कदमों का क्या लाभ? बेहतर होता कि भाजपा की केंद्र व राज्य सरकारें मुस्लिम और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यक समाज के गरीब परिवारों को किट बांटने के बजाय उनकी गरीबी, बेरोजगारी और पिछड़ेपन को दूर करने के लिए रोजगार की स्थायी व्यवस्था करतीं और उनकी सुरक्षा पर भी उचित ध्यान देतीं।’

मोदी सरकार के कदम पर विपक्षी लगातार उठा रहे सवाल

गौरतलब है कि मोदी सरकार ने ईद के मौके पर 32 लाख मुस्लिम परिवारों को ‘सौगात-ए-मोदी’ देने की योजना बनाई है। इसके तहत भाजपा के 32 हजार पदाधिकारी 32 हजार मस्जिदों में जाकर संपर्क करेंगे और गरीब मुस्लिम परिवारों को चिन्हित कर उन्हें यह किट सौंपेंगे।

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भाजपा के इस कदम पर विपक्षी दल लगातार सवाल खड़े कर रहे हैं। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा था कि भाजपा वोट के लिए कुछ भी कर सकती है। अगर एक वोट मिलना हो तो भाजपा वह काम तुरंत कर देगी। समाजवादी लोग ऐसे आयोजन पहले से ही करते रहे हैं। ईद के अवसर पर भाजपा के इस अभियान को लेकर सियासी बयानबाजी जारी है और इसे लेकर राजनीतिक माहौल गरमाता जा रहा है।

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