बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती (Mayawati) ने रविवार को एक के बाद एक लगातार कई ट्वीट कर समाजवादी पार्टी पर जोरदार हमला बोला। मायावती ने कहा कि बीएसपी व अन्य पार्टियों के भी निष्कासित किए गए लोगों को सपा में शामिल किए जाने से इस पार्टी का कुनबा या जनाधार बढ़ने वाला नहीं है। बल्कि इससे यह और भी घटता, कमजोर होता हुआ चला जाएगा।
बसपा सुप्रीमो ने आगे कहा कि सपा को यह मालूम होना चाहिए कि ऐसे स्वार्थी दलबदलू किस्म के लोगों को लेने से इनकी अपनी ही पार्टी में टिकटार्थी बहुत गुस्से में हैं। ये अधिकांशतः बीएसपी के संपर्क में हैं। वैसे भी चुनाव में अंदर अंदर इस पार्टी को ये काफी नुकसान पहुंचाने वाले हैं।
1. बी.एस.पी. व अन्य विरोधी पार्टियों के भी निष्कासित किए गए लोगों को सपा में शामिल किये जाने से इस पार्टी का कुनबा व जनाधार आदि बढ़ने वाला नहीं है बल्कि इससे यह और भी घटता व कमजोर होता हुआ ही चला जाएगा। 1/3
— Mayawati (@Mayawati) November 7, 2021
मायावती ने कहा कि लेकिन बीएसपी के लोग ऐसे में दूसरी पार्टियों के विधायकों व अन्य लोगों के टिकट कटने पर उन्हें अपनी पार्टी से टिकट दिलवाने से परहेज करें। उनके स्थान पर अपनी पार्टी के लोगों को ही टिकट देने पर ज्यादा जोर दें तो उचित होगा।
3. लेकिन बी.एस.पी. के लोग ऐसे में दूसरी पार्टियों के विधायकों व अन्य लोगों के टिकट कटने पर उन्हें अपनी पार्टी से टिकट दिलवाने से ज़रूर परहेज़ करें तथा उनके स्थान पर अपनी पार्टी के लोगों को ही टिकट देने पर ज्यादा ज़ोर दें तो यह उचित होगा। 3/3
— Mayawati (@Mayawati) November 7, 2021
वहीं, अपने एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कि भाजपा के ‘सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास’ को लोग जुमला न मानकर इस पर कैसे विश्वास करें। जब देश के किसान तीन कृषि कानूनों की वापसी को लेकर लंबे समय से आंदोलित एवं आक्रोशित हैं।
2. केन्द्र सरकार ने तीन साल में पहली बार उत्पाद कर थोड़ा घटाकर लोगों को इस बार दिवाली पर कुछ राहत का तोहफा दिया है। उसी प्रकार दिवाली के बाद ही सही यदि तीनों विवादित कृषि कानूनों को वापस लेकर केन्द्र सरकार देश के किसानों को भी दिवाली का तोहफा दे देती है तो यह बेहतर ही होगा।
— Mayawati (@Mayawati) November 7, 2021
मायावती ने कहा कि केंद्र सरकार ने 3 साल में पहली बार उत्पाद कर थोड़ा घटाकर लोगों को इस दिवाली पर कुछ राहत का तोहफा दिया। इसी प्रकार दिवाली के बाद ही सही पर यदि तीनों विवादित कृषि कानूनों को वापस लेकर केंद्र सरकार देश के किसानों को भी दिवाली का तोहफा दे तो यह बेहतर ही होगा।