उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हनुमान जी को कथित रूप से दलित बताने वाले बयान पर उठा सियासी तूफान थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. अब इस मुद्दे पर बसपा सुप्रीमो मायावती कूद पड़ी हैं. उन्होंने मंदिरों में दलित पुजारी रखने की मांग की है. मायावती ने कहा भाजपा ने पहले जाति के आधार पर लोगों को बांटा और अब देवी-देवताओं को भी बांट रही है. मायावती ने यह बात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उस बयान के संदर्भ में कही जिसमें उन्होंने (योगी ने) भगवान हनुमान को रूप से दलित बताया था.
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मायावती ने कहा कि बाबा साहेब ने भारत के संविधान में ‘एक वोट एक मूल्य’ की अवधारणा देकर एक समतामूलक समाज की कल्पना की थी लेकिन केंद्र में बैठी भाजपा सरकार इस संविधान को फेल कर देना चाहती है. देश का किसान भाजपा सरकार की नीतियों से परेशान हैं. यहां तक कि फसल बीमा योजना का असली लाभ गरीब किसानों को नहीं बल्कि कुछ अमीरों को हुआ है.
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बसपा सुप्रीमों ने कहा कि यही कारण है कि आज राजस्थान, मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में बसपा के प्रति जनता का उत्साह दिख रहा है.
दरअसल, सीएम योगी ने अलवर जिले के मालाखेड़ा में एक जनसभा को संबोधित करने के दौरान भगवान हनुमान को लेकर बयान दिया था. सीएम योगी का पूरा भाषण सुनने पर पता चलता है कि उन्होंने कहा था कि बजरंगबली हमारी भारतीय परम्परा में ऐसे लोक देवता हैं, जो स्वयं वनवासी हैं, गिरवासी हैं..इसके बाद योगी रुके और आगे कहा…बजरंगबली ऐसे देवता हैं जो सबको लेकर चलते हैं, दलित, वंचित सबको जोड़ने का कार्य करते हैं, पूरब से पश्चिम को जोड़ने का कार्य करते हैं. हालांकि, वीडियो को गौर से सुनने पर स्पष्ट हो रहा है कि सीएम योगी ने भगवान हनुमान को दलित नहीं कहा था.