बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती (Mayawati) ने शनिवार को महंगाई को लेकर बीजेपी सरकार (BJP Government) पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने कहा कि देश में महंगाई, बेरोजागारी और गरीबी से त्रस्त मेहनतकश लोग हर दिन आटा, दाल-चावल व नमक-तेल आदि के महंगे दाम को लेकर सरकार को कोसते रहते हैं, किन्तु वह इसका जवाब देने व उपाय ढूंढने के बजाय ज्यादातर खामोश बनी रहती है, ऐसा क्यों?
मायावती ने ट्वीट कर कहा कि अब आटा का दाम भी एक साल में काफी महंगा होकर लगभग 37 रुपए प्रति किलो तक पहुँच जाने से लोगों में बेचैनी, हताशा व निराशा है, तो ऐसे में सरकार को अपनी निश्चिन्तता व लापरवाही आदि त्यागकर, इसके समाधान के गंभीर उपाय में जी-जान से जुट जाना ही समय की सबसे बड़ी मांग है।
2. लेकिन अब आटा का दाम भी एक साल में काफी महंगा होकर लगभग 37 रुपए प्रति किलो तक पहुँच जाने से लोगों में बेचैनी, हताशा व निराशा है, तो ऐसे में सरकार को अपनी निश्चिन्तता व लापरवाही आदि त्यागकर, इसके समाधान के गंभीर उपाय में जी-जान से जुट जाना ही समय की सबसे बड़ी माँग। (2/3)
— Mayawati (@Mayawati) November 26, 2022
बसपा चीफ ने कहा कि भारत जैसे विशाल आबादी वाले देश में यहाँ वर्षों से व्याप्त विचलित करने वाली गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई आदि अब असली राजनीतिक एवं चुनावी चिन्ता नहीं रही है, तब भी सभी सरकारों को इनके प्रति उदासीन बने रहकर देश की प्रगति व जनता की उन्नति में रोढ़ा बने रहना अनुचित व दुःखद है।
3. भारत जैसे विशाल आबादी वाले देश में यहाँ वर्षों से व्याप्त विचलित करने वाली गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई आदि अब असली राजनीतिक एवं चुनावी चिन्ता नहीं रही है, तब भी सभी सरकारों को इनके प्रति उदासीन बने रहकर देश की प्रगति व जनता की उन्नति में रोढ़ा बने रहना अनुचित व दुःखद। (3/3)
— Mayawati (@Mayawati) November 26, 2022
बता दें कि इससे पहले मायावती ने प्रदेश में विकास को लेकर सपा, भाजपा और कांग्रेस पर निशाना साधा था। उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि यूपी में बीएसपी सरकार में लोगों को रोजगार तथा बुनियादी सुविधाओं से युक्त नए पक्के मकान व भूमि आदि भी फ्री में लाखों परिवारों को आवंटित करके यहाँ गरीबों का जीवन धन्य होते हुए सभी ने देखा, किन्तु पहले सपा व अब भाजपा सरकार में भी वैसी खास प्रगति क्यों नहीं?
उन्होंने कहा था कि यूपी में देशी व विदेशी पूंजीनिवेश के लिए सरकार का अनवरत प्रयास जरूरी, किन्तु यह केवल खेती भूमि के अधिग्रहण तथा राजनीतिक एवं चुनावी स्वार्थ तक ही सीमित नहीं होना चाहिए। यूपी जैसे अति-गरीबों के पिछड़े प्रदेश में डबल इंजन की सरकार में वैसी ही तेज प्रगति भी लोगों को दिखनी चाहिए।
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