बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती (Mayawati) लगातार यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में पार्टी की हार की समीक्षा कर रही हैं। इस क्रम में उन्होंने मंगलवार को आरोप लगाया कि समाजवादी पार्टी और भाजपा के बीच अंदरूनी मिलीभगत है। इस दौरान उन्होंने बीजेपी को हराने का फॉर्मूला भी बताया है।
दरअसल, बसपा सुप्रीमो मायावती ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा कि यूपी में सपा और भाजपा की अंदरूनी मिलीभगत जग-जाहिर रही है। उन्होंने विधान सभा आमचुनाव में भी हिन्दू-मुस्लिम कराकर यहां भय और आतंक का माहौल बनाया, जिससे खासकर मुस्लिम समाज गुमराह हुआ और सपा को एकतरफा वोट देने की भारी भूल की। जिसको सुधार कर ही भाजपा को यहां हराना संभव है।
यूपी में सपा व भाजपा की अन्दरूनी मिलीभगत जग-जाहिर रही है कि इन्होंने विधान सभा आमचुनाव को भी हिन्दू-मुस्लिम कराकर यहाँ भय व आतंक का माहौल बनाया, जिससे खासकर मुस्लिम समाज गुमराह हुआ व सपा को एकतरफा वोट देने की भारी भूल की, जिसको सुधार कर ही भाजपा को यहाँ हराना संभव।
— Mayawati (@Mayawati) March 29, 2022
बसपा चीफ मायावती को ऐसा लगता है कि यूपी विधानसभा चुनाव में हिंदू-मुस्लिम वोटों के ध्रुवीकरण की वजह से उनकी पार्टी की हार हुई है। इससे पहले पार्टी की हार पर उन्होंने कहा था कि मुस्लिम समाज का पूरा वोट बीजेपी को हराने के लिए समाजवादी पार्टी की तरफ शिफ्ट हो गया। बसपा की इसी की सजा मिली।
यूपी में बसपा अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। 38 साल की राजनीति में इस बार यूपी चुनाव नतीजे पार्टी के लिए सबसे अधिक अप्रत्याशित रहे। बसपा सुप्रीमो ने माना कि मुस्लिम समाज के सपा की तरफ एकतरफा वोटिंग की वजह से दलितों में भी उनके समाज के वोटरों को छोड़ बहुत से लोगों ने भाजपा को एकतरफा वोटिंग कर दी।
Also Read: आज विधानसभा में सतीश महाना को ढूंढेंगे योगी और अखिलेश, ब्रिटिश काल से निभाई जा रही है ये रस्म
वहीं, इस बारे में राजनीतिक जानकारों का कहना है कि बसपा का दलित वोट बैंक भाजपा में अपने को सुरक्षित पाते हुए अब उनके साथ जाता नजर आ रहा है। बुरी स्थिति में भी 22 फीसदी वोट पाने वाली बसपा 2022 के चुनाव में मात्र 12.08 प्रतिशत ही वोट पा सकी। पार्टी ने इस चुनाव में सिर्फ एक सीट पर जीत हासिल की है।
( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )