जुलाई महीने में बांदा जिले में तैनात एक सिपाही का शव उसी के सरकारी आवास पर लटका मिला था. जब पुलिस जांच पड़ताल करने पहुंचा तो ये कहा गया कि, घरेलु क्लेश के चलते सिपाही ने आत्महत्या की है. पर मृतक सिपाही के पिता ये बात मानने को तैयार ही नहीं थे कि उनका बेटा आत्महत्या कर सकता है. जिसके बाद से लगातार मृतक के पिता मामले की तह तक जाने की कोशिश में जुटे थे. अब सिपाही का शव मिलने के तकरीबन 56 दिन बाद जाकर पुलिस ने मामले में 6 पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज हुआ है.
ये था मामला
जानकारी के मुताबिक, बीती 30 जुलाई को बांदा जिले के कमासिन थाने में तैनात सिपाही राघवेंद्र का शव मकान की बाहरी दीवार पर रस्सी के सहारे झूलता मिला. सिपाही की माह जून में बांदा जिले में तैनाती हुई थी. शव मिलने के दो दिन पहले ही थाने के नजदीक किराए पर मकान लिया था. राघवेंद्र अविवाहित था. पुलिस ने इसे सीधे सीधे आत्महत्या का मामला बताया. पुलिस का कहना था कि सिपाही ने गृहक्लेश की वजह से ये आत्मघाती कदम उठाया.
पिता ने की थी कार्रवाई की मांग
मृतक कॉन्स्टेबल के पिता गोपाल प्रसाद ने ये आरोप लगाया कि, कॉन्स्टेबल की पहले हत्या की गई और बाद में शव को इस तरह से रखा गया कि मामला सुसाइड से मौत का लगे. उनका कहना था कि, 28 जुलाई को कमासिन थाने में आरोपी अमन सिंह के जन्मदिन पर पार्टी थी. पार्टी के दौरान, अमन ने कथित तौर पर किसी बात पर कॉन्स्टेबल को थप्पड़ मारा, हालांकि पार्टी में मौजूद दूसरे लोगों के हस्तक्षेप के बाद मामला सुलझ गया था. पार्टी खत्म होने के बाद आरोपी कॉन्स्टेबल के घर आए और बहस की.
इनके खिलाफ केस दर्ज
मृतक कॉन्स्टेबल के पिता का आरोप है कि आरोपियों ने उनके बेटे की पिटाई की थी, जिससे वह घायल हो गए थे और बाद में उनकी मौत हो गई. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में जांच जारी है. इसी मामले में अब जाकर 24 सितंबर की रात तीन नामजद और तीन अज्ञात पुलिस कॉन्स्टेबलों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है. तीन नामजद आरोपी अमन सिंह, विक्रम सिंह और सौरभ वर्मा भी कमासिन थाने में ही तैनात थे.