उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की राजनीति में हलचल उस वक्त तेज हो गई जब कैसरगंज से पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह (Brijbhushan Sharan Singh) ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Cm Yogi Adityanath) से भेंट की। तीन साल बाद हुई इस मुलाकात को जहां बृजभूषण ने ‘शिष्टाचार भेंट’ बताया, वहीं सियासी गलियारों में इसे एक अहम राजनीतिक घटनाक्रम के रूप में देखा जा रहा है। करीब एक घंटे तक चली इस मुलाकात ने कई नए कयासों को जन्म दे दिया है, खासकर तब, जब बृजभूषण सिंह का गोंडा, बलरामपुर, अयोध्या और उसके आसपास के जिलों में मजबूत जनाधार है।
योगी से मुलाकात के बाद बृजभूषण सिंह का बयान
सीएम योगी से मुलाकात के बाद जब मीडिया ने बृजभूषण सिंह से पूछा कि, मुलाकात में क्या बातचीत हुई ? तो बृजभूषण शरण सिंह ने जवाब देते हुए कहा, ‘ प्रदेश के मुख्यमंत्री है, मुलाकात तो होनी चाहिए और हुई, यही सबसे खास बात है।’
बृजभूषण ने किया था योगी सरकार की कई नीतियों का विरोध
पिछले कुछ वर्षों से बृजभूषण शरण सिंह को सीएम योगी के विरोधी स्वर में देखा जा रहा था। उन्होंने कई बार सरकार की नीतियों की आलोचना की, खासकर बुलडोजर नीति और अफसरशाही के रवैये को लेकर। उन्होंने यह भी कहा था कि मुख्यमंत्री और उनके बीच कोई काम नहीं पड़ता, इसलिए मुलाकात की ज़रूरत ही नहीं पड़ी। लेकिन अब यह मुलाकात संकेत देती है कि दोनों नेताओं के बीच रिश्तों में नरमी आ सकती है।
क्या अगले विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी सतर्क?
उत्तर प्रदेश में अगले डेढ़ साल में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में बीजेपी कोई जोखिम नहीं लेना चाहती। 2022 के चुनावों में पार्टी की सीटों में गिरावट देखी गई थी, खासकर पूर्वांचल में। सीएम योगी आदित्यनाथ बीते कुछ महीनों से लगातार विधायकों और क्षेत्रीय नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं, जिसे 2027 की तैयारियों के रूप में देखा जा रहा है। ऐसे में बृजभूषण जैसे प्रभावशाली नेता से मेलजोल सियासी मजबूती का संकेत हो सकता है।
राजनीतिक कटुता का अंत या रणनीतिक समीकरण?
बृजभूषण सिंह के तीखे बयानों और सीएम योगी के साथ रिश्तों की खटास के बीच यह मुलाकात कई सवाल खड़े करती है। क्या बीजेपी आगामी चुनावों से पहले पुराने प्रभावशाली नेताओं को फिर से साथ जोड़ने की कोशिश कर रही है? क्या बृजभूषण और योगी के बीच सियासी दूरी अब पाटी जा रही है? राजनीतिक विश्लेषक इसे बीजेपी की मजबूती की दिशा में एक रणनीतिक कदम मान रहे हैं।
राजनीति तक सीमित नहीं बृजभूषण और योगी का रिश्ता
बृजभूषण शरण सिंह और सीएम योगी आदित्यनाथ का रिश्ता केवल राजनीति तक सीमित नहीं है, बल्कि दोनों एक ही गुरु परंपरा से भी जुड़े हैं। बृजभूषण ने खुद एक इंटरव्यू में कहा था कि योगी के गुरु उन्हें भी उतना ही मानते थे जितना आदित्यनाथ को। ऐसे में यह मुलाकात एक पुराने रिश्ते की नई शुरुआत भी मानी जा सकती है।