कहने को तो एक बेहतर लोकतंत्र के लिए शिक्षा की जरूरतों को बेहद जरूरी बताया जाता है, लेकिन लोकतंत्र के मंदिर में कई सांसद, विधायक ऐसे भी हैं जो लिखना तो छोड़िए ठीक से हिंदी बोलना भी नहीं जानते हैं. मंगलवार को छत्तीसगढ़ में कांग्रेसी सरकार का विस्तार हो रहा था. इस दौरान सभी विधायक हिंदी में शपथ ले रहे थे, लेकिन एक विधायक तो ऐसे निकले जो हिंदी भी ठीक से नहीं पढ़ पाए और उनकी शपथ राजयपाल ने पूरी कराई.
बता दें कि इन विधायक का नाम कवासी लखमा है और ये जनाब कोंटा से विधायक हैं. जब कवासी लखमा का नाम मंच से पुकारा गया तब वह शपथ ग्रहण करने के लिए मंच पर पहुंचे लेकिन औपचारिक शिक्षा नहीं हासिल करने की वजह से वो खुद से अपना शपथ नहीं पढ़ सके.
कवासी लखमा अनुसूचित जाति से आते हैं वो राज्य के गठन के बाद से ही लगातार चुनाव जीतते रहे हैं. बस्तर की कोंटा सीट से विधायक लखमा विपक्ष में रहते हुए उप नेता विपक्ष की भूमिका निभा चुके हैं. वैसे लखमा ने औपचारिक शिक्षा भले ही हासिल ना की हो लेकिन वह न्यूजीलैण्ड, आस्ट्रेलिया और सिंगापुर जैसे कई देशों की यात्रा कर चुके हैं. मूल रूप से किसानी का काम करने वाले लखमा को आदिवासी पारंपरिक नृत्य में भी महारथ हासिल है.
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