पाकिस्तान के इस्लामी कट्टरपंथी इन दिनों एक अलग तरह की मुसीबत से गुजर रहे हैं. ये मुसीबत है चीन की, जो सांस्कृतिक रूप से धीरे-धीरे पाकिस्तान को निगलता जा रहा है. दरअसल, पाकिस्तान में इन दिनों चाइनीज दूल्हों की बहार आई हुई है. ऐसी शादियों के ढेरों मामले सामने आ रहे हैं, जिनमें दुल्हन पाकिस्तानी और दूल्हा चाइनीज है. एक अनुमान के मुताबिक बीते 2-3 साल में ऐसी शादियों की तादाद हजारों में है. इन शादियों को लेकर पाकिस्तानी समाज में अंदर ही अंदर भारी बेचैनी है, लेकिन चीन के नागरिकों का मामला होने के कारण वो कुछ बोल या कर नहीं पा रहे हैं. यहां तक कि चीनी खुफिया एजेंसियों के डर से मुल्ले-मौलवी भी इस मामले में मुंह बंद रखना ही बेहतर मान रहे हैं.
पिछले दिनों पाकिस्तान के एक न्यूज चैनल ने इस्लामाबाद के कुछ होटलों में स्टिंग ऑपरेशन किया, जहां पर चीन के दूल्हे और पाकिस्तानी दूल्हन की शादियां कराई जाती हैं. चैनल के इस स्टिंग ऑपरेशन में कुछ ऐसी बातें निकलकर आई हैं, जिससे साफ होता है कि ये कोई असली शादी नहीं बल्कि एक तरह का धोखा है. इन दिनों पाकिस्तान के बड़े इलाके में चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरीडोर यानी CPEC का काम चल रहा है. इस प्रोजेक्ट के सिलसिले में बड़ी तादाद में चाइनीज इंजीनियर पाकिस्तान में काम कर रहे हैं.
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पाकिस्तान के ‘चाइनीज़ दामाद’!
पाकिस्तानी चैनल के स्टिंग ऑपरेशन में यह बात सामाने आई कि CPEC में काम करने आए चीन के इंजीनियर और दूसरे कर्मचारी पाकिस्तान में काम करने से ज्यादा दुल्हन की तलाश में रहते हैं. एक बार दोस्ती हो गई तो बात शादी तक पहुंच जाती है. पाकिस्तानी कानून के मुताबिक कोई मुसलमान लड़की किसी गैर-मजहब के पुरुष से शादी नहीं कर सकती. लिहाजा चीनियों ने इसका भी तोड़ निकाल लिया. वो कथित तौर पर धर्मांतरण करके मुसलमान बनते हैं और फिर निकाह करते हैं. पहले पाकिस्तानियों को लगा कि ये तो अच्छा है क्योंकि इससे चीन में इस्लाम का विस्तार होगा. लेकिन बाद में पता चला कि धर्मांतरण एक तरह का धोखा होता है. चीन में किसी धर्म को मानने की छूट नहीं है, ऐसे में इस्लाम कबूल करके मुसलमान बनने की बात का कोई मतलब नहीं.
पाकिस्तानी चैनल ने अपने स्टिंग ऑपरेशन में कई चाइनीज़ दूल्हों से कलमा पढ़ने को कहा तो वो नहीं पढ़ पाए. चैनल के मुताबिक उन्हें एक भी चाइनीज दूल्हा नहीं मिला जो कलमा पढ़ सके. चैनल के मुताबिक कि मुसलमान बनने का सारा नाटक सिर्फ पाकिस्तान में रहने तक का होता है. चैनल ने यह भी बताया कि उन्हें एक भी ऐसा मामला नहीं मिला, जहां लड़की चाइनीज हो और लड़का मुसलमान. यानी ये पूरा खेल एकतरफा चल रहा है.
चीन में लड़कियों की है कमी
पाकिस्तानी लड़कियों से शादी की एक बड़ी वजह यह भी है कि चीन में एक बच्चा पैदा करने के कड़े नियम का नतीजा हुआ है कि महिलाओं और पुरुषों का अनुपात गड़बड़ हो गया है. चीन में इस समय 15 से 30 साल की उम्र की आबादी का लैंगिक अनुपात 100:112 है. यानी हर 100 लड़कियों पर 112 लड़के. यानी करोड़ों की संख्या में ऐसे नौजवान हैं जिन्हें शादी के लिए लड़की नहीं मिल रही हैं. इस हालात के कारण चीन में लड़कियों के परिवारों ने शादी के बदले में पैसे मांगने शुरू कर दिए हैं. वैसे ही जैसे भारत में दहेज की परंपरा चलती है.चीन में इन दिनों किसी स्थानीय लड़की से शादी करने पर लड़कों को 50 हजार से 1 लाख अमेरिकी डॉलर तक खर्च करने पड़ते हैं. रुपये में देखें तो यह 35 लाख से 70 लाख के बीच बैठता है.
ऐसे में चीन एक अघोषित नीति के तहत अपने नौजवानों को दूसरे देशों की लड़कियों से शादी करने के लिए बढ़ावा दे रहा है. उसका सबसे बड़ा शिकार पाकिस्तान बन रहा है क्योंकि वहां पर बड़ी संख्या में चीन की कंपनियां सक्रिय हैं. पाकिस्तान में गरीबी और करप्शन के कारण धर्मांतरण करने का फर्जी सर्टिफिकेट हासिल करना और फिर निकाह करके लड़की को अपने देश ले जाना बहुत आसान होता है. खासतौर पर पंजाब और सिंध के इलाकों में दलाल भी सक्रिय हैं क्योंकि खूबसूरत होने के कारण यहां की लड़कियों की बहुत डिमांड है. दलाल कमीशन लेकर उनकी शादियां करवाते हैं.
सच्चाई छिपाती हैं पाक एजेंसियां
एक अनुमान के मुताबिक अकेले इस्लामाबाद में इस समय 10 हजार से ज्यादा चीनी नागरिक रह रहे हैं. कराची, लाहौर और दूसरे शहरों की संख्या जोड़ दें तो यह एक लाख से ऊपर चला जाएगा. पाकिस्तान में रह रहे चीनियों में लगभग सभी 20 से 40 साल की उम्र के हैं. पाकिस्तान सरकार के विदेश विभाग की एजेंसियां अब तक कहती रही हैं कि चीन के लोग सिर्फ ईसाई लड़कियों से शादी करते हैं. लेकिन यह बात पूरी तरह सही नहीं है. पाकिस्तानी चैनल के मुताबिक इस सिलसिले की शुरुआत पाकिस्तानी ईसाई लड़कियों से हुई थी, लेकिन आज 99 फीसदी मामलों में लड़की मुसलमान होती हैं.
कई ऐसे केस भी पता चले हैं जिनमें चीनियों ने अपने देश में पत्नी होने के बावजूद खुद को कुंआरा बताकर शादी कर ली. इस पूरे कारोबार में चीन सरकार की रजामंदी इसी बात से साबित होती है कि आज तक एक भी फ्रॉड के मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई. यह बात भी सामने आई है कि लड़कियां बेहद गरीब घरों की होती हैं उनके परिवार वालों को शादी के बदले में मोटी रकम मिल चुकी होती है इसलिए वो अपनी गरीबी दूर करने के नाम पर खुशी-खुशी राजी हो जाते हैं.
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पाकिस्तान में ऐसी शादियों को CPEC शादियां कहा जा रहा है. पाकिस्तान की हजारों लड़कियां ब्याह कर चीन ले जाई जा चुकी हैं. इनमें से ज्यादातर का कुछ अता-पता नहीं चलता. एक बार चीन पहुंचने के बाद उन्हें अपने घरवालों से बातचीत करने तक की छूट नहीं होती. यह शक भी कि कई लड़कियों को देह व्यापार या मानव तस्करी के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. चीनियों और पाकिस्तानियों की इन शादियों को लेकर पाकिस्तान में खूब मजाक भी उड़ रहा है.
पाकिस्तानी और चाइनीज की शादी का वीडियो देखिए
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