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सपा सरकार में था मुकीम काला का आतंक, कैराना में हिंदुओ के पलायन का बना कारण, योगी राज में मांगी ‘जंजीरों में जकड़ने’ की मिन्नतें

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आतंक का पर्याय रहे कुख्यात मुकीम काला की शुक्रवार को चित्रकूट जेल के अंदर हुई गैंगवॉर में मौत हो गई. जेल में मारा गया मुकीम काला वही अपराधी है, जिसका सपा सरकार में आतंक था, मुकीम कैराना में हिंदुओं के पलायन का कारण बना. काला ने NIA ऑफिसर तंजील अहमद को दिन दहाड़े मौत के घाट उतार दिया था. कहा जाता है कि मुकीम काला ने तंजील अहमद को मारने से पहले प्रैक्टिस के तौर पर लखनऊ में निर्दोष होटल मैनेजर की गोली मारकर हत्या कर दी थी.


कैराना समेत आसपास के इलाकों में आतंक का पर्याय बना कुख्यात मुकीम उर्फ काला 6 साल पहले अन्य मजदूरों के साथ मकान निर्माण में चि‍नाई मिस्त्री के साथ मजदूरी करता था. मुकीम काला ने पहली वारदात हरियाणा के पानीपत में एक मकान में डकैती के रूप में अंजाम दी. इस मामले में मुकीम काला जेल गया था. मुकीम काला के बारे में जो सबसे अहम बात है वह यह है कि उसकी गैंग के 24 सदस्य जो कि 2015 तक जेल में बंद थे, वह अब उसके डर के साम्राज्य को आगे बढ़ा रहे हैं. काला के खिलाफ कई मामलों में केस दर्ज है, जिसमें चार पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले भी शामिल हैं.


सपा सरकार में कराया हिंदुओं को पलायन

अखिलेश यादव की सरकार के दौरान कैराना में हिंदुओं के पलायन का मुद्दा खूब चर्चा में था. इस मामले में भी मुकीम काला का नाम सामने आया था. उस पर आरोप लगा था कि उसकी दहशत के चलते कैराना से हिंदू पलायन के लिए मजबूर हैं. शामली जिले में उसका सिक्का चलता था. एक तरह से जिले में कोई भी बड़ी आपराधिक वारदात बिना उसकी मर्जी के नहीं होती थी.


10 साल पहले रखा जुर्म की दुनिया में कदम

मुकीम काला पहले मकान निर्माण में चि‍नाई मिस्त्री के साथ मजदूरी करता था. उसने 10 साल पहले क्राइम की दुनिया में कदम रखा. रंगदारी न देने पर 2 सगे भाइयों की हत्या कर दी थी. इसी वारदात के साथ मुकीम ने जुर्म की दुनिया में प्रवेश किया. देखते ही देखते वह पश्चिम यूपी के सबसे बड़े अपराधियों में शामिल हो गया. उसके जुर्म का कारोबार यूपी के अलावा हरियाणा के पानीपत और उत्तराखंड के देहरादून में भी फैला था. मुकीम काला पर 61 आपराधिक मुकदमे हैं.


मुकीम ने कग्गा गैंग की बागडोर संभाली 

मुकीम काला गैंग पुलिस के रडार पर तब आया जब इन्होंने पुलिस पर भी हमले करने शुरू कर दिए. पुलिस के मुताबिक दिसबंर 2011 में एनकाउंटर में मुस्तफा उर्फ कग्गा मारा गया. मुकीम काला ने कग्गा के गैंग की बागडोर संभाली और वारदातों को अंजाम देना शुरू कर दिया. 


मुकीम काला के गांव में उसके परिवार का कोई भी सदस्य नहीं रहता है. वे मेरठ व अन्य जगहों पर रहते हैं. हालांकि मुकीम काला को जब क्राइम के बाद पनाह लेनी होती थी तो वह अपने गांव जहानपुरा में आकर पुश्तैनी मकान में ठहरता था. लेकिन ग्रामीणों ने उसके परिवार के किसी अन्य सदस्य को मकान पर आते नहीं देखा.


काला के खिलाफ 61 से अधिक आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं

गैंगवार में मारा गया मुकीम काला वेस्ट UP का कुख्यात गैंगस्टर था. उस पर एक लाख रुपए का इनाम भी रखा जा चुका था. सपा सरकार में मुकीम काला का आतंक इतना था कि UP, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान पुलिस को उसकी तलाश में थी. सहारनपुर में तनिष्क शोरूम में इंस्पेक्टर की वर्दी में 10 करोड़ की डकैती डालने वाले मुकीम से पुलिस ने गिरफ्तारी के दौरान एके-47 भी बरामद की थी.


मुकीम काला शामली जिले के कैराना थाना क्षेत्र के जहानपुरा गांव का रहने वाला था. उस पर शामली, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर के अलावा दिल्ली, पंजाब, राजस्थान और हरियाणा में 61 से अधिक आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. इनमें लूट, रंगदारी, अपहरण, फिरौती के 35 से ज्यादा मुकदमे थे. मुकीम काला के दूसरे भाई वसीम काला को 2017 में STF यूनिट ने मेरठ में मुठभेड़ में मारा था.


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