उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जेल में हुए शूटआउट (Chitrakoot Jail Shootout) की जांच कर रही कमेटी को जेल के सीसीटीवी कैमरे से अहम सुराग हाथ लगे हैं। 13 मई को जेल का वार्डर जगमोहन (Jail Warder Jagmohan) जेल में आया था, जबकि 6 मई को कोरोना पॉजिटिव होने के बाद उसे आइसोलेशन में रहने की हिदायत दी गई थी। इसके बावजूद 13 मई की रात जगमोहन जेल में आया और जेल रजिस्टर में बिना एंट्री किए ही भीतर चला गया और करीब 20 मिनट बाद जेल से बाहर निकला। यह पूरी घटना सीसीटीवी में कैद हो गई।
इस संबंध में जब जेल वार्डर जगमोहन से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि वह जेल अस्पताल में दवा लेने आया था, लेकिन जेल के डॉक्टर और ड्यूटी पर तैनात नर्सिंग अर्दली ने जगमोहन के इस दावे को नकार दिया है। वहीं, जेल के गेट पर तैनात गेटकीपर से भी पूछताछ की गई है कि आखिर उसने जगमोहन के आने-जाने की एंट्री रजिस्टर में क्यों नहीं दर्ज की। 13 मई की रात जगमोहन जेल में किस से मिला, क्या किया? इसकी जांच की जा रही है।
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गौरतलब है कि 14 मई को मुकीम काला और मेराजुद्दीन की हत्या करने के बाद जब पुलिस टीम जेल मे दाखिल हुई तो शायद उसी समय जगमोहन भी पहुंच गया और उसने अंशु दीक्षित को आत्मसमर्पण करने के लिए समाझाया। जगमोहन को ऐसा करते हुए वहां सभी ने देखा है। गौर करने वाली बात तो यह भी है कि बागपत जेल में जब मुन्ना बजरंगी की हत्या हुई थी, तो वहां का जेल वार्डर जगमोहन ही था।
दरअसल, चित्रकूट जिला जेल रगौली में शुक्रवार के दिन सुबह लगभग आधे घंटे तक ताबड़तोड़ गोलियों की आवाज से हड़कंप मच गया था। जेल में पूर्वांचल के शार्पशूटर अंशू दीक्षित ने पिस्टल से कुख्यात अपराधी मुकीम काला व मेराजुद्दीन उर्फ मेराज अली को गोलियों से भून डाला था।
इसके बाद कई अन्य बंदियों को बंधक बनाकर जेल से भागने की बात करता रहा, लेकिन इसी बीच जिले की भारी पुलिस बल ने आकर पूरे परिसर को घेर लिया और अंदर हत्यारोपी अंशू को आत्मसमर्पण के लिए कहा था। हत्यारोपी ने पुलिस टीम पर भी फायरिंग झोंक दी। जिसमें कई जवान बाल-बाल बच गए थे। इसी बीच जवाबी फायरिंग में पुलिस ने अंशू को भी ढेर कर दिया था।
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