‘हाथ पर हाथ रखकर बैठा नहीं रह सकता सच्चा योगी व संत’, योगी को क्यों कहना पड़ गया ये ?

वाराणसी: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने शनिवार को स्वर्वेद महामंदिर धाम में आयोजित विहंगम योग संत समाज की स्थापना के शताब्दी समारोह महोत्सव में भाग लिया। इस अवसर पर 25,000 कुंडीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ का आयोजन भी किया गया। लाखों श्रद्धालुओं के बीच आयोजित इस कार्यक्रम की व्यवस्था की सीएम योगी ने सराहना की।

योगी ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का कहना है कि हर कार्य देश के नाम होना चाहिए। देश सुरक्षित है तो धर्म भी सुरक्षित है, और धर्म सुरक्षित है तो हम भी सुरक्षित हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि भारत की वैदिक-आध्यात्मिक परंपराओं का अनुसरण करते हुए सभी कार्य सनातन धर्म के मूल्यों के अनुरूप होने चाहिए।

विहंगम योग संत समाज की स्थापना

सीएम योगी ने विहंगम योग संत समाज की स्थापना के इतिहास पर प्रकाश डाला, जो 1924 में सद्गुरु सदाफल देव महाराज द्वारा की गई थी। उन्होंने कहा, “1888 में बलिया के छोटे से गांव में सद्गुरु सदाफल देव जी का अवतरण हुआ और 1924 में उन्होंने विहंगम योग संत समाज की स्थापना की। आज हम इस शताब्दी महोत्सव का हिस्सा बन रहे हैं।” उन्होंने संत समाज द्वारा भारत की योग परंपरा और आध्यात्मिक धारा को जन-जन तक पहुंचाने के प्रयासों को भी सराहा।

सच्चे योगी का कर्तव्य

योगी आदित्यनाथ ने सद्गुरु सदाफल देव महाराज की आध्यात्मिक साधना को याद करते हुए कहा, “सच्चा योगी और संत समाज की समस्याओं को देखकर हाथ पर हाथ रखकर नहीं बैठ सकते। सद्गुरु महाराज ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में भी भाग लिया और बैरकपुर से देश के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत की।”

काशी में विकास की नई मिसाल

सीएम योगी ने काशी के विकास को लेकर भी चर्चा की, खासकर 2014 के बाद यहां की कनेक्टिविटी में आए सुधारों की तारीफ की। उन्होंने कहा, “काशी अब दुनिया का सबसे बड़ा स्नान घाट (नमो घाट) और एक प्रमुख तीर्थ स्थल बन चुका है। 2014 के बाद यहां सड़क, रेल और हवाई कनेक्टिविटी 100 गुना बेहतर हुई है।”

योगी ने की पीएम मोदी की सराहना 

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व को भी सराहा, कहा कि अच्छा नेतृत्व ही सुखद परिणाम देता है। उन्होंने पीएम मोदी के योगदान को भी रेखांकित किया, जिन्होंने योग को वैश्विक मंच पर पहुंचाया और 21 जून को विश्व योग दिवस के रूप में मान्यता दिलाई। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18 दिसंबर 2023 को इस समारोह का शुभारंभ किया था और स्वर्वेद महामंदिर का भव्य उद्घाटन करते हुए विहंगम योग संत समाज और स्वर्वेद महामंदिर ट्रस्ट के कार्यों की सराहना की थी।

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