उत्तर प्रदेश में कोरोना के रिकवरी रेट में लगातार हो रही बढ़ोत्तरी के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने मेडिकल कॉलेजों और स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों में जनरल ओपीडी (General OPD) शुरू करने के निर्देश दिए हैं। उन्होने कहा कि कोरोना महामारी के खिलाफ एग्रेसिव टेस्टिंग रणनीति के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे है। कोरोना टेस्टिंग के मामले में देश में अव्वल यूपी में नए मामलों की संख्या तेजी से कम हो रही है वहीं स्वस्थ होने वालों की रफ्तार में बढोत्तरी के चलते रिकवरी रेट 97 फीसदी को पार कर गया है।
मुख्यमंत्री योगी ने कोरोना प्रबंधन के लिए गठित टीम-9 की बैठक में कहा कि कोरोना को लेकर प्रदेश में स्थिति तेजी से बेहतर हो रही है। हमारे 64 जिलों में 600 से कम एक्टिव केस रह गए हैं। ऐसे में मेडिकल कॉलेजों और स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों में सीमित संख्या के साथ जनरल ओपीडी का प्रारंभ किया जाए। ओपीडी में आने के लिए मरीज का समय पूर्व निर्धारित हो। अपॉइंटमेंट सिस्टम अनावश्यक भीड़ को रोकने में कारगर होगा। इमरजेंसी सेवाएं 24 घंटे जारी रखी जाएं।
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सीएम ने कहा कि कोरोना टेस्टिंग लड़ाई में उत्तर प्रदेश की स्थिति लगातार बहुत अच्छी हो रही है। सतत प्रयासों से अब पूरे प्रदेश में एक्टिव कोविड मरीजों की कुल संख्या 30 हजार से भी कम हो चुकी है। वर्तमान में 28,694 कोरोना मरीज उपचाराधीन हैं। अब तक 16 लाख 44 हजार 511 प्रदेशवासी कोरोना संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं। हमारा रिकवरी रेट 97.1 फीसदी हो गया है।
उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम में ट्रेसिंग-टेस्टिंग के महत्व को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश ने प्रारंभ से ही एग्रेसिव होने की नीति अपनाई है। यही कारण है कि आज प्रदेश में स्थिति नियंत्रण में है। पिछले 24 घंटे में कुल 3,31,511 टेस्ट किए गए, जबकि 1514 नए केस की पुष्टि हुई है और 4,439 लोग स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना कर्फ्यू से छूट का आशय लापरवाही की छूट होना नहीं है। कई जिलों में लोगों के मास्क न लगाने, बाजारों में अनावश्यक भीड़, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करने जैसी जानकारी मिली है। यह स्थिति न तो किसी के लिए भी अच्छी नहीं है। कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई जीतने के लिए हर एक नागरिक का सहयोग आवश्यक है। पुलिस प्रशासन को सक्रियता बढ़ाने की जरूरत है। लोगों को जागरूक भी करें, साथ-फुट पेट्रोलिंग, चेंकिंग और आवश्यकतानुसार प्रवर्तन की कार्रवाई भी की जानी चाहिए। सभी जिलाधिकारी/पुलिस अधीक्षक शासन द्वारा जारी आदेशों का प्रतिबद्धतापूर्वक अक्षरश: पालन सुनिश्चित कराएं।
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