लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार के दौरान बढ़ती बदजुबानी के बीच चुनाव आयोग ने सख्त तेवर अपनाया और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बसपा चीफ मायावती समेत कई बड़े नेताओं पर आचार संहिता के उल्लंघन के कारण उनके चुनाव प्रचार के लिए 72 और 48 घंटो के लिए बैन लगाया है. बैन के बाद मायावती चुनाव आयोग पर हमलावर दिखीं तो वहीं सीएम योगी आदित्यनाथ ने बिना कोई प्रतिक्रिया दिए चुप-चाप मंदिर में पूजा-अर्चना की.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सुबह करीब 9 बजे हनुमान सेतु मंदिर पहुंचे. इस दौरान मंदिर में सीएम योगी आदित्यनाथ ने हनुमान चालीसा का पाठ भी किया. चुनाव आयोग की तरफ से सीएम योगी के भाषण देने पर प्रतिबंध लगाया गया है और उनके इस प्रतिबंध में मंदिर में जाना शामिल नहीं है. प्रचार नहीं कर पाने की वजह से यह माना जा रहा है कि सीएम योगी ने यह तोड़ निकाला है.
योगी के साथ पार्टी के तमाम नेता और मंत्री आशुतोष टंडन भी थे. इससे पहले चुनाव आयोग को जवाब देते हुए योगी ने एक पत्र में कहा था कि मैं हर शुभ काम की शुरुआत से पहले ‘बजरंग बली’ को याद करता हूं. उन्होंने पत्र में कहा कि विवाद की शुरुआत बीएसपी प्रमुख मायावती के बयान से हुई थी, मैंने बस उसका जवाब दिया था.
वहीं दूसरी तरफ चुनाव आयोग की कार्रवाई पर बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती फैसलों को लेकर भड़क गयीं. उन्होंने चुनाव आयोग पर जातिवादी मानसिकता से ग्रस्त होने का आरोप लगाया. बसपा प्रमुख ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाते हुए कि जिस तरह से चुनाव आयोग काम कर रही है यह लोकतंत्र की हत्या जैसा है. उन्होंने इस दौरान पीएम मोदी और अमित शाह पर भी निशाना साधा. मायावती ने कहा कि चुनाव आयोग ने अमित शाह और पीएम मोदी को लोगों के बीच नफरत फैलाने की खुली छूट दी हुई है. मुझे तो ऐसा लगता है कि जब इन दोनों की बात आती है तो चुनाव आयोग अपने कान और आंख बंद कर लेती है.
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