बदलते मौसम की वजह से तकरीबन सभी जगह कुदरत का कहर देखने को मिल रहा है। लेकिन उत्तराखंड में सबसे ज्यादा ओलावृष्टि और लैंड स्लाइड से लोगों को परेशानी हो रही है। ऐसे में अब सीएम योगी ने उत्तराखंड सरकार की मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया है। दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तराखंड की त्रासदी में त्वरित सहायता प्रदान करने के लिए₹10 करोड़ की धनराशि उपलब्ध कराने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से बुधवार को ट्वीट कर यह जानकारी दी गई।
सीएम योगी ने जताई संवेदना
जानकारी के मुताबिक, इस वक्त उत्तराखंड राज्य की अधिकतर नदियां उफान पर हैं और हरिद्वार में गंगा का जलस्तर 293.90 मीटर तक पहुंच गया है, जो खतरे के निशान 294 मीटर से मामूली नीचे है। इसी लिए अभी खतरा बताया जा रहा है। लगातार लैंडस्लाइड और बारिश की वजह से अब तक 48 लोगों ने अपनी जानें गंवाई हैं। कई लोग तो घर के मलबे में ही दब गए। ऐसे में अब यूपी के मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड में अतिवृष्टि से जन-धन की हानि पर अपनी संवेदनाएं व्यक्त की है।
उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से वार्ता कर हर संभव सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया है। इसके साथ ही उन्होंने उत्तराखंड की त्रासदी में त्वरित सहायता प्रदान करने के लिए₹10 करोड़ की धनराशि उपलब्ध कराने की घोषणा की है। ताकि लोगों तक मदद पहुंचने में किसी तरह की कोई परेशानी न आने पाए।
अब तक 42 की भूस्खलन से मौत
बता दें कि उत्तराखंड में भारी बारिश के दौरान हुए भूस्खलन की घटनाओं में 42 लोगों की मौत हो गई है। नैनीताल आपदा प्रबंधन विभाग ने जिले में 25 लोगों के मौत और सात लोगों के लापता होने की पुष्टि की है। मृतकों में 14 उत्तर प्रदेश और बिहार के मजदूर हैं। नैनीताल जिले के रामगढ़ ब्लॉक के झुतिया, सुनका ग्रामसभा में 9 मजदूर घर में ही जिंदा दफन हो गए। जबकि, झुतिया गांव में ही एक मकान मलबे में दबने से पति-पत्नी और उनके बेटे की जान चली गई। धारी ब्लॉक के दोषापानी में 5 मजदूरों की दीवार के नीचे दबने से मौत हो गई। इसके अलावा नैनीताल के ही क्वारब में 2, कैंचीधाम के पास 2, बोहराकोट में 2, ज्योलीकोट में एक और भीमताल के खुटानी में हल्दूचौड़ निवासी शिक्षक के बेटे की मलबे में दबने से मौत हो गयी। अब तक 600 से अधिक लोगों को रेस्क्यू किया गया है।
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