सत्ता में आने के बाद से लगातार योगी सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। जिसके अन्तर्गत लगातार ही भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई का दौर जारी है। अगर आंकड़ों की मानें तो अब तक आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने अलग-अलग मामलों में भ्रष्टाचार में लिप्त 175 सरकारी अधिकारियों व कर्मियों को भी बेनकाब किया है। इतनी ही नहीं, बड़े घोटालों में विदेश भाग निकले और भागने का प्रयास कर रहे आरोपितों पर भी उसकी पैनी निगाह है। ईओडब्ल्यू ने 16 आरोपितों के विरुद्ध लुक आउट नोटिस जारी व बहुचर्चित बाइक बोट में एक आरोपित के विरुद्ध रेड कार्नर नोटिस भी जारी कराया है।
ये हैं आंकड़े
जानकारी के मुताबिक, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में भ्रष्टाचार से संबंधित करीब 650 विवेचनाओं का निस्तारण किया गया है। इसमें ईओडब्ल्यू के इतिहास में पहली बार वर्ष 2017 में 74, 2018 में 175, 2019 में 239, 2020 में कोरोना काल के बावजूद 100 और 2021 में जून तक 52 मामलों का निस्तारण किया गया है। ईओडब्ल्यू की जांच में सरकारी और गैर सरकारी 352 भ्रष्टाचारियों की पुष्टि हुई है।
इस में 175 सरकारी अधिकारी और कर्मचारी और 177 निजी संस्थाओं के 177 आरोपी शामिल हैं। इनमें से 45 आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया गया है। भ्रष्टाचार और गंभीर प्रशासनिक व वित्तीय अनियमितताओं के दोषी दो अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही करने के लिए संस्तुति शासन को भेजी गई है। शासन की ओर से सवा चार साल में करीब 750 मामलों की जांच ईओडब्ल्यू को दी गई है और 371 आरोपियों के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति दी गई है।
29 पुलिस कर्मियों को रिश्वत लेते पकड़ा
भ्रष्टाचार निवारण संगठन (एसीओ) ने भी भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध शिकायतों को गंभीरता से लेकर प्रभावी कार्रवाई की गई है। बीते चार साल में 29 पुलिसकर्मियों को घूस लेते रंगे हाथ पकड़ा। जबकि राजस्व, शिक्षा, स्वास्थ्य व अन्य विभागों के 203 कर्मी घूस लेेते पकड़े गए। एसीओ के कंट्रोल रूम 9454402484 पर भी शिकायत दर्ज कराई जा सकती।
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